देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी की शेयर बाजार में मंगलवार (17- मई-2022) को कमजोर लिस्टिंग हुई है। बीएसई पर एलआईसी का शेयर 867 रुपए के भाव पर खुला जो उसके इशू प्राइस 949 रुपए प्रति शेयर करीब 8.62 फीसदी कम है जबकि एनएसई पर शेयर 8.11 फीसदी नीचे 872 रुपए पर लिस्ट हुआ। एलआईसी की कमजोर लिस्टिंग ने उन सभी निवेशकों की उम्मीद पर पानी फेर दिया है जो एलआई से तगड़े रिटर्न की उम्मीद थी।

एलआईसी की कमजोर लिस्टिंग पर शेयर इंडिया सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष और रिसर्च हेड रवि सिंह का कहना है कि “मौजूदा बाज़ार में वोलैटिलिटी के कारण एलआईसी कमजोर लिस्टिंग हुई है। हालांकि बीमा सेक्टर का भविष्य भारत में काफी उज्जवल है और एलआईसी में अच्छे रिटर्न पाने के लिए निवेशकों को कम से कम 3 से 5 साल के लिए इसे होल्ड करना चाहिए।”

एलआईसी की लिस्टिंग पर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सर्विसेज के हेमांग जानी का कहना है कि “बाजार में अस्थिरता के कारण एलआईसी की लिटिंग कमजोर हुई है। जैसे ही बाजार स्थिर होगे तो रिटेल निवेशकों और बड़े संस्थागत निवेशकों की ओर से इसमें खरीदारी देखने को मिल सकती है।”

देश का सबसे बड़ा आईपीओ: एलआईसी का आईपीओ देश का सबसे बड़ा आईपीओ था। इसका आकार करीब 21 हजार करोड़ रुपए था, एलआईसी एक भरोसेमंद ब्रांड होने के कारण निवेशकों ने भी जमकर पैसा लगाया। इसका इशू 2.95 गुना सब्सक्राइब हुआ था और यह आईपीओ 4 मई से 9 मई तक निवेशकों के लिए खुला था।

रिटेल और पॉलिसी होल्डर की मिला डिस्काउट: एलआईसी आईपीओ के लिए सरकार की ओर से इशू प्राइस 949 रुपए तय किया गया था, लेकिन रिटेल और पॉलिसी होल्डर को शेयर 45 और 60 रुपए के डिस्काउंट प्रति शेयर ऑफर किया गया था।

घटाया आईपीओ का साइज़: सरकार की ओर से बाजार नियामक सेबी के पास कराए ड्राफ्ट पेपर के मुताबिक सरकार एलआईसी का करीब 5 फीसदी हिस्सा बिक्री करना चाहती थी, लेकिन रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण और महंगाई बढ़ने के लिए शेयर बाजार में अस्थिरता के बीच सरकार ने 3.5 हिस्सा ही बिक्री करने का फैसला किया।