न्यून्यू लेबर कोड वित्त वर्ष 2022-23 में लागू हो सकते हैं। बीते साल कोरोना महामारी और न्यू लेबर कोड में संशोधन के चलते लागू नहीं किया जा सका था। सरकार नए लेबर कोड में कर्मचारियों के वेतन में पहले साल के लिए भत्तों की सीमा 75 फीसदी करने पर विचार कर रही है। जिसे तीन साल में धीरे-धीरे 50 फीसदी पर लाय जा सकता है।

न्यू लेबर कोड में कंपनियों को काफी छूट दी गई है। न्यू लेबर कोड के लागू होने के बाद 300 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियां सरकार की मंजूरी के बिना छंटनी कर सकेंगी। 2019 में पेश किए गए इस बिल में 100 कर्मचारियों की सीमा थी, जिसे 2020 में बढ़ाकर 300 किया गया है।

50 फीसदी भत्ता करने का विरोध – उद्योगपति कर्मचारियों का भत्ता 50 फीसदी करने का विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि, कर्मचारियों का भत्ता 50 फीसदी सीमित करने से कंपनियों पर बोझ पड़ेगा और उनके लिए कर्मचारियों की लागत बढ़ जाएगी।

आपको बता दें भत्तों का 50 फीसदी होने से मजदूरों को लाभ होगा। क्योंकि पीएफ अकाउंट में बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत कर्मचारी और नियोक्ता की ओर से जमा होता है। ऐसे में कंपनियों को कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट में ज्यादा पैसे जमा कराने होंगे।

कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का भी होगा फायदा – अब ग्रेच्युटी लेने के लिए 5 साल की कामकाजी लिमिट खत्म हो गई है। अभी तक जो नियम था उसके मुताबिक कर्मचारी को किसी एक कंपनी में लगातार 5 साल कार्यरत रहना जरूरी था। अब एक साल नौकरी करने के बाद भी कोई कर्मचारी ग्रेच्युटी हासिल कर सकता है।

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आपको बता दें पहले किसी कर्मचारी को एक साल में न्यूनतम 240 दिन का काम करने के बाद ही हर 20 दिन पर एक दिन की छुट्टी पाने का अधिकार मिलता था, अब छुट्टी की पात्रता के लिए, 240 दिन की न्यूनतम शर्त को घटाकर 180 दिन कर दिया गया है।