भारत सरकार ने भारतीय प्रतिभूति और विनयम बोर्ड (SEBI) की पूर्व पूर्णकालिक सदस्य माधबी पुरी बुच को चेयरपर्सन नियुक्त किया है। माधबी पुरी बुच को यह जिम्मेदारी अगले तीन सालों के लिए दी गयी है। वह पूर्व चेयरपर्सन अजय त्यागी की जगह कमान संभालेगी जिनका कार्यकाल 28 फरवरी को खत्म हो चुका है।

पहली महिला चेयरपर्सन: यह सेबी के इतिहास में पहला मौका है जब कोई महिला सेबी की कमान संभालेगी। माधबी पुरी बुच को फाइनेंसियल सेक्टर में कार्य करने का तीन दशक का लंबा अनुभव है। इससे पहले 5 अप्रैल 2017 से 4 अक्टूबर 2021 तक माधबी सेबी की पूर्णकालिक सदस्य रह चुकी है। इस दौरान उन्होंने निगरानी, ​​सामूहिक निवेश योजनाओं और निवेश प्रबंधन जैसे विभागों को संभाला ।

ICICI बैंक से करियर की शरुआत: माधबी पुरी बुच ने साल 1989 में आईसीआईसीआई बैंक से की थी जिसके बाद वह बैंक की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पद बनी। फिर उन्हें आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का सीईओ बनाया गया। बुच शंघाई में न्यू डेवलपमेंट बैंक में कंसलटेंट के आलावा प्राइवेट इक्विटी फर्म ग्रेटर पसिफ़िक कैपिटल के सिंगापुर ब्रांच की प्रमुख भी रहा चुकी है।

माधबी पुरी बुच ने दिल्ली के मशहूर सेंट स्टीफ़न कॉलेज से गणित में स्नातक किया और फिर आईआईएम अहमदाबाद से MBA की डिग्री हासिल की है।

दो घोटालों का खुलासा: सेबी में अपने पहले कार्यकाल के दौरान बुच ने दो बड़े बिज़नेस टीवी पत्रकारों के शेयर बाज़ार में घोटाले का खुलासा किया था। इससे पहले दीप इंडस्ट्रीज इनसाइडर ट्रेडिंग के ममाले में भी उन्होंने ही मुख्य भूमिका निभाई थी।

ये भी थें दौड़ में : सेबी के नए चेयरपर्सन की नियुक्ति के लिए मंत्रालय की तरफ से अक्टूबर में आवेदन मांगे गए थे। इस पद के IFSCA के चेयरमैन इंजेटी श्रीनिवास और पूर्व वित्त सचिव पांडा का नाम सबसे उपर चल रहा था। इसके आलावा सेबी के पूर्व चेयरपर्सन अजय त्यागी का कार्यकाल बढ़ने की भी उम्मीद थी। अजय त्यागी की नियुक्ति वर्ष 2017 में हुई थी। जिसके बाद उन्हें 6 महीने और फिर 18 महीने का एक्सटेंशन दिया जा चुका है।