बाबा रामदेव की एफएमसीजी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने पिछले साल दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही कंपनी रूचि सोया को खरीदा था। रूचि सोया खाने का तेल बनाने के कारोबार से जुड़ी है। एक साल पहले तक नकदी संकट से जूझ रही रूचि सोया आज के मुनाफे वाली कंपनी बन गई हैं। इसके पीछे बाबा रामदेव की लगन-मेहनत के अलावा पांच लोग और जुड़े हुए हैं। आज हम आपको रूचि सोया के डायरेक्टर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी बदौलत कंपनी पहले ही साल में कंपनी की इनकम 16 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा रही है।

बाबा रामदेव: बंबई स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, योग गुरु बाबा रामदेव रुचि सोया में नॉन एक्जीक्यूटिव, नॉन इंडिपेंडेंट पद पर कार्यरत हैं। वे 18 दिसंबर 2019 से कंपनी से जुड़े हैं। हालांकि, इसकी घोषणा 19 अगस्त 2020 को हुई बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक के बाद हुई थी। बाबा रामदेव पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापकों में से एक हैं।

आचार्य बालकृष्ण: लंबे समय से बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण भी रूचि सोया में नॉन एक्जीक्यूटिव, नॉन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर हैं। बीएसई के डाटा के मुताबिक, आचार्य बालकृष्ण 18 दिसंबर 2019 से कंपनी से जुड़े हैं। वे रूचि सोया के चेयरमैन भी हैं। चेयरमैन के तौर पर आचार्य बालकृष्ण केवल 1 रुपए सालाना की सैलरी लेते हैं।

राम भरत: योग गुरु बाबा रामदेव के छोटे भाई राम भरत रूचि सोया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं। वे 18 दिसंबर 2019 से कंपनी से जुड़े हैं। 19 अगस्त 2020 को हुई बोर्ड बैठक में राम भरत को रूचि सोया का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया था। वे 17 दिसंबर 2022 तक इस पद पर रहेंगे। उनको 1 रुपए सालाना की सैलरी दी जाएगी।

गिरीश कुमार आहूजा, तेजेंद्र मोहन भसीन, ज्ञान सुधा मिश्रा: बीएसई पर उपलब्ध जून तिमाही के डाटा के मुताबिक, गिरीश कुमार आहूजा, तेजेंद्र मोहन भसीन और ज्ञान सुधा मिश्रा भी रूचि सोया के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल हैं। यह तीनों कंपनी के नॉन एक्जीक्यूटिव, नॉन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर हैं।

पिछले साल 16,382 करोड़ रुपए की इनकम हुई: पतंजलि आयुर्वेद द्वारा खरीदे जाने के बाद रूचि सोया की आर्थिक हालात में लगातार सुधार हो रहा है। बीएसई फाइलिंग के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी की कुल इनकम 16,382 करोड़ रुपए रही है। जबकि एक साल पहले समान अवधि में कंपनी की कुल इनकम 13,175 करोड़ रुपए रही थी।