नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कैग ने कहा है कि बकाये का भुगतान नहीं करने पर किंगफिशर एयरलाइंस के खिलाफ समय पर कार्रवाई करने में विफल रहने से सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण एएआई को 290 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

कैग ने यह भी कहा कि किंगफिशर एयरलाइन्स के ‘इरादतन चूककर्ता’ होने के बावजूद उसे परिचालन जारी रखने की अनुमति देकर नागर विमानन मंत्रालय ने अपने रुख में नरमी दिखाई।

भारी रिण और परिचालन संबंधी मुद्दों के चलते विजय माल्या के स्वामित्व वाली किंगफिशर एयरलाइंस का लाइसेंस डीजीसीए द्वारा निरस्त किए जाने के बाद 2012 से विमानन कंपनी के विमानों की उड़ान बंद है।

कैग की कल राज्यसभा में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि मंजूरशुदा रिण नीति के मुताबिक समय पर कार्रवाई करने में विफल रहने के चलते एएआई को 289 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ।