5G स्पेक्ट्रम की नीलामी को लेकर चर्चा जोरो पर है। देश की बड़ी टेलीकॉम कंपनियां जैसे रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन- आईडिया ग्राहक दूर संचार सेवाओं के लिए बोली लगाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, विशेषज्ञ भी इस नीलामी को लेकर अपना-अपना अनुमान जता रहे हैं। हाल ही में अमेरिका का बड़े इन्वेस्टमेंट जेफरीज ने 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी को लेकर कहा है कि भारतीय टेलीकॉम कंपनियां नीलामी में 20 बिलियन (1.6 लाख करोड़ रुपए) तक खर्च कर सकती है।
जेफरीज का मानना है कि पिछले स्पेक्ट्रम नीलामी मुकाबले इस बार मांग अधिक देखने को मिलेगी। सभी टेलीकॉम कंपनियों की 700MHz वाले बैंड पर कड़ी निगाह होगी क्योंकि वैश्विक स्तर पर यह 5G सेवाओं का प्राइमरी सब-बैंड है। वहीं, 3.3GHz और 26GHz के लिए भी कड़ा मुकाबला देखने को मिला सकता है।
जेफरीज ने रिलायंस जियो के बारे में कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की टेलीकॉम शाखा 11 बिलियन डॉलर (लगभग 88,000) करोड़ रुपए तक खर्च कर सकती है। अगर वह 700MHz बैंड के लिए बोली लगाते हैं। आगे कहा कि इसके साथ ही जियो 5MHz वाले स्पेक्ट्रम के लिए भी बोली लगा सकता है, जिसका खर्चा 19,600 करोड़ तक आ सकता है।
भारती एयरटेल के बारे में कहा कि देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी 3.3 GHz के 100MHz वाले स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगा सकती है। इसके साथ 26 GHz के 800MHz वाले बैंड के लिए बड़ी बोली लगा सकती है। इसके साथ ही 900MHz और 1800MHz के लिए भी बोली लगा सकती है। इस सभी को मिला दिया जाए तो एयरटेल इस नीलामी में 6 बिलियन डॉलर (लगभग 48,000 करोड़) तक खर्च कर सकता है।
वोडाफोन-आईडिया के बारे में कहा कि कंपनी ए सर्किल और मेट्रो वाले 3.3GHz के 50MHz वाले बैंड और 26GHz वाले 400MHz वाले बैंड के लिए बोली लगा सकता है, जिस पर कंपनी की ओर से 1.7 बिलियन से 2.3 बिलियन डॉलर तक खर्च किए जा सकते हैं।
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन की ओर से जारी की गई लिस्ट के अनुसार, 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आईडिया और अडानी डाटा नेटवर्क बोली लगाने वाले हैं और यह नीलामी 26 जुलाई से शुरू होगी।