तमिलनाडु के तिरुपुर में (14 मई) को चुनाव आयोग की टीम ने तीन टैंकरों से 570 करोड़ रुपये बरामद किए थे। एक दिन पहले तक माना जा रहा था कि ये पैसे तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल के लिए ले जाए जा रहे थे, लेकिन अब कहानी में मोड़ आग गया है। ताजा खबर है कि इन पैसों पर भारतीय स्टेट बैंक ने अपना दावा पेश किया है। बैंक ने कहा है कि आयोग की टीम ने जो पैसा जब्त किया है, वह उसका है। रिजर्व बैंक की अनुमति के बाद ही इसे ट्रक द्वारा विशाखापट्टनम भेजा जा रहा था।
बैंक की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, आयोग ने उन पैसों को जब्त करने की गलती की है, जिसे बैंक की कोयंबटूर की मुख्य शाखा से विशाखापट्टनम की एक दूसरी शाखा में भेजा जा रहा था। बैंक ने आगे लिखा कि आंध्र प्रदेश में थोड़े वक्त के लिए हुई नकदी की कमी को पूरा करने के लिए आरबीआई ने 570 करोड़ रुपए की राशि को कोयंबटूर से विशाखापट्टनम स्थित हमारी विशेष मुद्रा प्रशासन शाखा में स्थानांतरण करने की अनुमति दी थी।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने बयान में यह भी लिखा है कि ‘आरबीआई के निर्देशानुसार, हमारी कोयंबटूर मुख्य शाखा ने आधिकारिक एसबीआई कर्मचारी को खज़ाना सौंपा जिसे आंध्र पुलिस की टीम की उचित पहरेदारी में ले जाया जा रहा था। लेकिन नकद ले जा रहे जत्थे को चुनाव आयोग के अधिकारियों ने रास्ते में रोक लिया और उसे आगे की जांच के लिए तिरुपुर कलेक्टरेट ले आए।
गौरतलब है कि ट्रकों को ज़ब्त किए जाने के बाद चुनाव आयोग द्वारा कहा गया था कि ट्रक के ड्राइवरों ने जो कागजात दिखाए, उनके मुताबिक पैसा कोयंबटूर से विशाखापट्टनम एसबीआई बैंक में जा रहा था। लेकिन जांच के दौरान इन कागजातों में कई गड़बड़ियां पाई गईं और ट्रकों के नंबर भी मेल नहीं खा रहे थे।
Read Also: तमिलनाडु में तीन कंटेनर से 570 करोड़ रुपए जब्त, स्टेट बैंक ने अपना पैसा बताया
अधिकारियों ने यह भी कहा था कि कार में मौजूद व्यक्तियों ने खुद को आंध्र प्रदेश पुलिस का कर्मी होने का दावा किया था, लेकिन उन्होंने वर्दी नहीं पहन रखी थी और न ही अपने दावों की पुष्टि के लिए उन्होंने कोई वैध दस्तावेज दिखाए। इसके बाद इन वाहनों को तिरुपुर में जिला कलेक्ट्रेट ले जाया गया था।