Income Tax Return Filing Deadline Extension AY 2025-26: आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 है अब केवल 3 दिन बाकी बचे हैं। लेकिन जैसा कि डर था, करदाताओं को आयकर विभाग (Income Tax Department) के ई-फाइलिंग पोर्टल पर रिटर्न दाखिल करते समय तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

टेक्निकल खामी का सामना कर रहे टैक्सपेयर्स

आयकरदाता रिटर्न दाखिल करने के दौरान आ रही तकनीकी समस्याओं के विरोध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का सहारा ले रहे हैं। टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का कहना है कि वे एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS), फॉर्म 26AS, और टैक्सपेयर्स इंफॉर्मेशन समरी (TIS) को एक्सेस नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि, ये समस्याएं टैक्सपेयर्स के बीच पिछले एक महीने से प्रमुख चर्चा का विषय बनी हुई हैं।

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अब तक कितने रिटर्न हो चुके हैं फाइल?

आयकर विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 11 सितंबर तक लगभग 5.48 करोड़ ITR दाखिल किए जा चुके हैं। इनमें से 5.15 करोड़ रिटर्न्स को वेरिफाई भी किया जा चुका है। हालांकि, प्रोसेसिंग की स्थिति अलग है, अब तक केवल 3.66 करोड़ रिटर्न्स को ही प्रोसेस किया गया है। इसका मतलब है कि जिन्होंने रिटर्न दाखिल किए हैं उन्हें रिफंड के लिए और अधिक इंतजार करना पड़ सकता है।

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क्या आईटीआर डेडलाइन को आगे बढ़ाया जाएगा?

जोत्वानी एसोसिएट्स के कंपनी सेक्रेटरी और पार्टनर दिनकर शर्मा का कहना है, “सरकार आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख बढ़ाएगी या नहीं, इस सवाल का मूल्यांकन अनुपालन संबंधी आंकड़ों और सिस्टम की तैयारी, इन दोनों पैमानों पर किया जाना चाहिए। इन दोनों ही पहलुओं पर मौजूदा हालात यह संकेत देते हैं कि अंतिम तिथि बढ़ाए जाने की संभावना बेहद कम है।”

उन्होंने आगे कहा कि यह बात सही है कि टैक्सपेयर्स को बीच-बीच में तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है, जिसमें आयकर पोर्टल का धीमा लोड होना और पीक आवर्स में परेशानी शामिल है।

पिछले कुछ सालों के रुझान को देखते हुए, इस बार 15 सितंबर की अंतिम तिथि तक 8 करोड़ ITR दाखिल होने की संभावना जताई जा रही है। मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए बचे हुए 4 दिनों में लगभग 2.5 करोड़ नए ITR दाखिल करने होंगे। हालांकि 11 सितंबर को लगभग 18 लाख ITR दाखिल किए गए थे लेकिन इसी गति से आगे बढ़ना चुनौतीपूर्ण है। ऐसे मे 15 सितंबर तक 8 करोड़ रिटर्न्स का आंकड़ा छूना कठिन जरूर है, लेकिन असंभव नहीं।

सरकार ने बढ़ाई थी आईटीआर की आखिरी तारीख

इस साल मई में सरकार ने टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देते हुए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 46 दिन आगे यानी 15 सितंबर कर दी थी। इसकी वजह बताई गई थी- आईटीआर फॉर्म्स और यूटिलिटीज से जुड़ी कुछ परिचालन संबंधी और तकनीकी समस्याएं। यही कारण था कि उस समय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (CAs) और टैक्सपेयर्स दोनों ने एक स्वर में अतिरिक्त समय की मांग की थी। अब एक बार फिर करदाता और CAs, 15 से 30 दिन की मोहलत बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया और चुनौतियां

आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाइन हो चुकी है। टैक्सपेयर्स को सबसे पहले आयकर पोर्टल पर रजिस्टर करना होता है और फिर सही ITR फॉर्म चुनना होता है (जैसे वेतनभोगी और पेंशनधारकों के लिए ITR-1, बिज़नेस आय वाले करदाताओं के लिए ITR-3 आदि)। इसके बाद अपनी इनकम और टैक्स से जुड़ी जानकारी भरकर रिटर्न सबमिट करना होता है।

ई-वेरिफिकेशन के लिए आधार ओटीपी, नेटबैंकिंग या डीमैट अकाउंट जैसे विकल्प उपलब्ध हैं।

यदि कोई करदाता समय पर वेरिफिकेशन नहीं करता है तो रिटर्न प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है।

टैक्सपेयर्स की चिंताएं

जो करदाता समय पर आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाते, उनके लिए जुर्माने का प्रावधान है। जिन करदाताओं की आय 5 लाख रुपये से ज्यादा है, उन्हें लेट फाइलिंग पर अधिकतम 5,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा, देर से दाखिल किए गए रिटर्न पर टैक्स रिफंड मिलने में भी देरी होगी।