ITR Filing 2025-26 Deadline: वित्तीय वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 है। बता दें कि इस तरह करदाताओं को रिटर्न फाइल करने के लिए मूल 31 जुलाई की तारीख से 46 दिन अतिरिक्त समय मिलेगा।

अब आईटीआर फाइलिंग के लिए केवल एक महीना बचा है। इस साल मई में रिटर्न फाइलिंग शुरू होने के बाद से पिछले ढाई महीनों में लगभग 2.93 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। आकलन वर्ष 2025-26 (Assesment Year 2025-26) में गैर-ऑडिट श्रेणी के करदाताओं के लिए रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख खत्म होने में केवल 33 दिन बचे हैं, ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में रिटर्न फाइलिंग की रफ्तार तेज होगी। पिछले आकलन वर्ष में 9 करोड़ से अधिक टैक्स रिटर्न दाखिल किए गए थे।

Old vs New Tax Regime: रिटायर हो गए हैं? कौन सा टैक्‍स सिस्‍टम रहेगा बेहतर, ITR भरने के पहले समझ लें डिटेल

क्या आप भी इस साल अपना टैक्स रिटर्न दाखिल कर रहे हैं? जानें आईटीआर से जुड़ी डिटेल्ड गाइड…

टैक्सपेयर्स को हमाराी सलाह है कि वे आखिरी मिनट तक इंतजार न करें और यह उम्मीद ना करें कि आयकर विभाग आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा 15 सितंबर से आगे बढ़ा देगा। 15 सितंबर से अधिक आईटीआर दाखिल करने में देरी करने पर आपको भारी नुकसान हो सकता है। धारा 234F के तहत विलंब शुल्क से लेकर धारा 234A, 234B और 234C के तहत भारी ब्याज शुल्क तक।

ऐसे करदाताओं के लिए जिन्हें ऑडिट से गुजरना नहीं पड़ता है – जैसे आम व्यक्ति, HUFs, आदि के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की ओरिजिनल तारीख, 31 जुलाई 2025 से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी गई थी।

सिर्फ ₹24 में होगी टैक्स फाइलिंग! Jio Finance ऐप पर रिफंड ट्रैकिंग और नोटिस अलर्ट के साथ मिलेगी एक्सपर्ट की मदद

आगे बढ़ाई गईं डेडलाइन और टैक्सपेयर्स की कैटेगिरी
गैर-ऑडिट मामले: (व्यक्ति, एचयूएफ आदि) आईटीआर की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 तय की गई है। करदाताओं को राहत देने के उद्देश्य से आखिरी तारीख को आगे बढ़ाया गया है।

ऑडिट मामले (धारा 44एबी): आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा आमतौर पर 31 अक्टूबर, 2025 है; हालांकि, यह साल-दर-साल इसमें थोड़ा बदलाव हो सकता है।

ट्रांसफर प्राइसिंग (फॉर्म 3सीईबी): आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा आमतौर पर 30 नवंबर, 2025 है – लेकिन सीबीडीटी/नियम अधिसूचना के अनुसार इसमें बदलाव हो सकता है।

लेट/संशोधित रिटर्न: अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2025 है, जिसके बाद यह विकल्प उपलब्ध नहीं होगा।

आईटीआर-यू (अपडेटेड रिटर्न): नए नियमों के अनुसार, आईटीआर-यू के माध्यम से अब 48 महीने तक रिटर्न दाखिल किया जा सकता है – यानी, AY 2025-26 के लिए, विंडो 1 जनवरी, 2026 से 31 मार्च, 2030 तक होगी।

विलंब शुल्क (धारा 234एफ) और ब्याज (धारा 234ए, 234बी, 234सी)

विलंब शुल्क (234एफ): अगर आपकी कुल आय 5 लाख रुपये से कम है तो अधिकतम 1,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।

5 लाख रुपये या उससे अधिक की आय के लिए 5,000 रुपये का विलंब शुल्क लिया जाएगा।

यह जुर्माना डेडलाइन (15 सितंबर) के बाद लेट रिटर्न जमा करने पर लागू होगा।

ब्याज:
234A: यदि कर बकाया है और रिटर्न देर से दाखिल किया जाता है, तो देय तिथि के अगले दिन से रिटर्न दाखिल करने/भुगतान करने की तारीख तक प्रति माह 1% की दर से ब्याज लिया जाएगा।

234B: यदि अग्रिम कर देय था और आपने 90% से कम भुगतान किया है, तो 1 अप्रैल (वर्ष की शुरुआत) से रिटर्न दाखिल करने तक प्रति माह 1% की दर से ब्याज जोड़ा जाएगा।

234C: अगर एडवांस टैक्स की किश्तें (15 जून, 15 सितंबर आदि) समय पर या पूरी नहीं चुकाई जाती हैं तो उस अवधि के हिसाब से ब्याज जोड़ा जाता है।

15 सितंबर तक ITR फाइल ना करने पर विकल्प:

विलंबित यानी लेट आईटीआर (31 दिसंबर तक): लेट फीस और ब्याज लगेगा।

सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अधिकांश तरह के नुकसान (जैसे पूंजी हानि, व्यापार हानि) को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।

संशोधित आईटीआर (31 दिसंबर तक):
अगर आपने समय पर या देर से फाइल किया है, लेकिन उसमें कोई गलती है तो आप 31 दिसंबर तक इसे सुधार सकते हैं।

आईटीआर-यू (1 जनवरी 2026 – 31 मार्च 2030):
बाकी विकल्पों के बावजूद, यह विकल्प रिफंड, नुकसान के दावे आदि के लिए सीमित है, लेकिन अतिरिक्त टैक्स स्लैब (25%-70%) का भुगतान करके दायर किया जा सकता है।

सीबीडीटी से माफ़ी (धारा 119(2)(बी)):
बहुत विशेष परिस्थितियों में, यदि रिफंड या राहत का कोई मामला है, तो माफी के लिए सीबीडीटी से अपील की जा सकती है।

रिफंड पर प्रभाव (धारा 244ए)
यदि आपका मामला रिफंड दावे का है और आप देर से फाइल करते हैं, तो आपको रिफंड पर मिलने वाला ब्याज भी कम हो सकता है, क्योंकि इसकी गणना फाइलिंग की तारीख के अनुसार की जाती है – नियत तारीख के अनुसार नहीं।

इसलिए, रिफंड पर भी समय पर फाइल करना फायदेमंद है।

ध्यान देने वाली बात
आईटीआर फाइलिंग AY 2025-26 की डेडलाइन आगे बढ़ने का लाभ उठाएं – 15 सितंबर 2025 से पहले आईटीआर दाखिल करना सबसे सस्ता, सबसे सुरक्षित विकल्प है।

देरी के मामले में: विलंब शुल्क (1,000 रुपये / 5,000 रुपये) लिया जाएगा; 1% प्रति माह की दर से ब्याज (234ए, 234बी, 234सी) लागू होगा; लॉस कैरी-फॉरवर्ड जैसे लाभ खो सकते हैं, और यदि यह रिफंड का मामला है, तो रिफंड पर ब्याज भी कम हो सकता है।