ITR Deadline : इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख आज यानी 31 जुलाई 2024 को खत्‍म हो रही है. फाइनेंशियल ईयर 2023-24 या एसेसमेंट ईयर 2024-24 के लिए इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल करने के लिए अब कुछ ही घंटे बचे हैं. हालांकि डेडलाइन खत्‍म होने के बाद भी टैक्सपेयर पेनल्‍टी देकर अपना रिटर्न फाइल कर सकेंगे. अगर आप किसी बहुत जरूरी काम में फंसे हैं और सोच रहे होंगे कि चलों 31 जुलाई के बाद भी लेट फीस देकर रिटर्न फाइल कर देंगे तो बड़ी भूल कर रहे हैं. आज डेडलाइन मिस कर दी तो आपको पेनल्‍टी के अलावा भी कई बड़े नुकसान उठाने पड़ सकते हैं.

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ऑटोमैटिक टैक्‍स रिजीम बदल जाएगा

अगर आप आईटीआर फाइल करने के लिए 31 जुलाई की उेडलाइन मिस करते हैं तो आप आगे ओल्‍ड टैक्‍स रिजीम का फायदा नहीं ले सकते हैं. नई टैक्स रिजीम (New Tax Regime) को फाइनेंशियल ईयर 2023-24 से डिफॉल्ट टैक्स रिजीम बना दिया गया है. यानी अगर आप 1 अगस्‍त से पेनल्‍टी के साथ आईटीआर फाइल करते हैं, तो आपको पुरानी टैक्स रिजीम सेलेक्ट करने की छूट नहीं मिलती. आपको न्यू टैक्स रिजीम में ही जाना होगा.

80सी समेत नहीं मिलेंगे तमाम बेनेफिट

न्यू टैक्स रिजीम में जाने का मतलब है कि आपने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में 80सी के तहत टैक्‍स छूट का फायदा लेने के लिए जो भी निवेश किया होगा, उन सबका फायदा अब आपको नहीं मिलेगा. बता दें कि न्‍यू टैक्स रिजीम में टैक्स बचाने वाले ज्यादातर डिडक्शन और एग्जम्पशन का फायदा नहीं मिलता. जबकि ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स सेविंग इन्‍वेस्टमेंट समेत ऐसे कई बेनेफिट मिलते हैं, जिनसे टैक्स लायबिलिटीज कम हो जाती है. इसका मतलब यह भी हुआ कि आप बिना 80सी का फासदा लिए रिटर्न फाइल करते हैं तो ज्यादा टैक्स भरना पड़ सकता है.

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कितनी देनी होगी पेनल्‍टी

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 234F के तहत डेडलाइन बीत जाने के बाद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने पर 5000 रुपये तक की पेनाल्टी देनी पड़ सकती है. हालांकि जिन टैक्सपेयर्स की टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये तक है, उनके लिए लेट फाइलिंग की पेनाल्टी अधिकतम 1000 रुपये ही तय की गई है. लेकिन यह बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि जिन लोगों के लिए टैक्स लायबिलिटी जीरो होने के बावजूद रिटर्न भरना जरूरी है, उन्हें भी रिटर्न देर से भरने पर पेनल्टी देनी पड़ सकती है.

अतिरिक्‍त ब्‍याज का नुकसान

आयकर रिटर्न देर से फाइल करने पर पेनाल्टी के अलावा बकाया टैक्स देनदारी पर जुर्माने के रूप में लगाया गया पीनल इंटरेस्‍ट भी भरना पड़ता है. रिटर्न भरते समय अगर कोई टैक्स बकाया है, तो उस पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 234A के तहत 1 फीसदी प्रति माह की दर से ब्याज देना पड़ता है. अगर कोई एडवांस टैक्स बाकी है, तो उस पर भी सेक्शन 234B और 234C के तहत 1 फीसदी प्रति माह की दर से ब्याज दर लगता है. यह पीनल इंटरेस्‍ट 1 अप्रैल से लेकर आईटीआर फाइल करने की तारीख तक के लिए देना पड़ता है.

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इनकम टैक्स रिफंड भी देर से मिलेगा

जिन टैक्सपेयर्स को पता है कि उन्हें इस साल इनकम टैक्स रिफंड मिल सकता है, उनके लिए तो जल्द से जल्द रिटर्न फाइल करना ही बेहतर है. क्योंकि वो जितनी जल्दी रिटर्न फाइल करेंगे, उतनी ही जल्दी उन्हें अपने रिफंड के पैसे मिलेंगे. वहीं, देर से रिटर्न फाइल करने का मतलब है रिफंड के लिए लंबा इंतजार करना होगा. क्योंकि आईटीआर फाइल करने के बाद ही उसे प्रक्रिया में लाया जाएगा. अगर रिफंड पर कोई ब्याज मिलना होगा, तो वह भी देर से रिटर्न फाइल करने पर कम मिलेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इनकम टैक्स रिफंड पर ब्याज का कैलकुलेशन आईटीआर वेरिफिकेशन की तारीख से लेकर आयकर विभाग द्वारा आईटीआर प्रोसेस करने की तारीख तक किया जाएगा. वहीं, अगर आईटीआर समय पर दाखिल किया जाता है, तो रिफंड पर ब्याज का कैलकुलेशन 1 अप्रैल से लेकर आईटीआर प्रॉसेस होने की तारीख तक किया जाता है.