वृद्धि आधारित अपेक्षाकृत खर्चीला बजट, ऊंची तिमाही आय और आरबीआइ द्वारा बाजार आधारित नीतिगत बदलावों के कारण बैंकिंग क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के सूचकांकों में उछाल देखने को मिला। बजट प्रस्तुत होने के दिन ही सेंसेक्स में 2314 अंकों की वृद्धि देखी गई जबकि निफ्टी 646.60 अंकों के इजाफे के साथ 4.7 फीसद की तेजी से ऊपर बढ़ गया, जो कि किसी एक दिन में होने वाली सर्वाधिक वृद्धि है।
गौरतलब है कि शेयर बाजार दीर्घकाल में कंपनियों की बाजार नीतियों पर निर्भर होते हैं लेकिन अल्पकाल में सरकार की नीतियों और घोषणाओं के प्रत्यक्ष और परोक्ष प्रभाव भी इन सूचकांकों पर देखने को मिलते हैं। जैसे व्यक्तिगत आय में बढ़ोतरी, कंपनियों को दी जाने वाली छूट, कॉरपोरेट कर में कमी, सार्वजनिक क्षेत्र में विनिवेश आदि घोषणाएं शेयर बाजार में निवेश के लिए निवशेकों और संस्थाओं को प्रोत्साहित करती हैं। उदाहरण के लिए बजट-2021 के प्रस्ताव जैसे बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष वित्तीय निवेश की सीमा को बढ़ाकर 49 फीसद से 74 फीसद करने का निर्णय, इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट से मिलने वाली डेविडेंड आय को टैक्स से बाहर रखने का निर्णय, स्टार्टअप कैपिटल गेन्स की मियाद को एक साल बढ़ाने का निर्णय आदि ने शेयर बाजार को राहत दी।
यहां यह जानना जरूरी है कि बाजार में आया यह उछाल वास्तविक अर्थव्यवस्था को यदि सीधे प्रभावित नहीं करता है तो भी अर्थव्यवस्था को निवेश के अनुकूल बनाने में सहयोगी भूमिका तो निभाता ही है। दरअसल, शेयर बाजार प्रतिक्षण बदलती हुई अर्थव्यवस्था की वास्तविक समय में स्थिति को समझने में सहायक होता है। स्टॉक एक्सचेंज निवेश को मानकीकृत करता है, जिससे लोग विभिन्न कंपनियों में असतत और समान शेयरों की खरीद या बिक्री कर सकते हैं। यह निवेशकों और व्यवसायों के बीच धन के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है, जो सभी के निवेश के लिए अधिकतम सुरक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक है।
आसान शब्दों में कहा जा सकता है कि शेयर बाजार कुछ लोगों का समूह है जिसे प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) की खरीद-बिक्री के लिए तथा उन्हें नियमित और निर्धारित करने के उद्देश्य से बनाया गया है। शेयर बाजार निवेशकों को वास्तव में कंपनी चलाने के सभी झंझटों से निपटने की सहूलियत एक व्यवसाय में अच्छे उपयोग के लिए अपना पैसा लगाने की अनुमति देते हैं। यदि निवेशक सही से चुनाव करें, तो वे अपने निवेश के माध्यम से पैसा बनाते हैं। बदले में, उन्होंने जिन कंपनियों में निवेश किया, वे अपने व्यवसायों को विकसित करने के लिए धन का उपयोग करती हैं। व्यक्तिगत निवेशकों को विभिन्न व्यवसायों के विकास में भाग लेने और लाभ उठाने का मौका मिलता है, जबकि उन्होंने अपने जोखिम को सीमित नहीं किया होता है।
भारत में शेयर बाजार की चर्चा जब भी होती है तो मुख्यत: दो संस्थाओं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का जिक्र किया जाता है, जिनके सूचकांक क्रमश सेंसेक्स और निफ्टी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध प्रमुख कंपनियों की स्थिति को बताते हैं। अच्छी बात ये है कि कोरोना जैसी महामारी और कई दूसरी प्रतिकूलताओं के बीच फिलहाल ये दोनों ही सूचकांक अपनी तारीखी मजबूती से कारोबारियों के साथ निवेशकों को एक साथ प्रोत्साहित कर रहे हैं।