भारतीय रेलवे जल्द ही बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाला है। खबर की मानें तो रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्ट्री (MCF) पहली बार अफ्रीकी देश मोजाम्बिक को इंजीनियरिंग सर्विस कंपनी RITES के जरिए 90 रेलवे कोच का निर्यात करेगी। इस महत्वकांक्षी योजना के बारे में बात करते हुए MCF के एक अधिकारी ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस को बताया कि रेलवे कोच का पहला बैच इस साल सितंबर तक रोल आउट कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम 90 कोच तीन बार में 30-30 के बैच में भेजेंगे।’ भारतीय रेलवे कोचों की लंबाई, अंदरूनी संदर्भ, गेज इत्यादि मोजाम्बिक रेलवे की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाएगा। MCF मोजाम्बिक के लिए सभी किस्मों के मेक इन इंडिया कोच जैसे, एसी फर्स्ट क्लास, एसी सेकेंड क्लास, एसी थर्ड क्लास, पेंट्री कार, जेनरेटर कार, नॉन एसी रेस्टरूम कार इत्यादि बनाएगा। मोजाम्बिक के लिए बनाए जाने वाले इन कोचों की लंबाई भारतीय कोचों से कम होगी।
MCF के एक अधिकारी के मुताबिक उन्हें उम्मीद है कि निर्यात ऑर्डर मार्च, 2020 के आखिर तक पूरा कर लिया जाएगा। अधिकारी ने बताया, ‘हम डिजाइन के विवरण को अंतिम रूप दे रहे हैं। टेंडर जारी होने के बाद कोचों के निर्माण के लिए काम शुरू हो जाएगा।’ अधिकारी के मुताबिक कोचों के निर्माण में कितना खर्च आएगा यह कहना अभी जल्दबाजी होगा। मगर एक एलएचबी कोच की कीमत औसतन 2.2 करोड़ के करीब बैठती है। हालांकि जो कोच मोजाम्बिक को निर्यात किए जाएंगे उनकी लंबाई छोटी होगी और गॉज भी कम होगा। इसलिए मोजाम्बिक को निर्यात किए जाने वाले कोच की कीमत दो करोड़ रुपए कम होनी चाहिए।
एमसीएफ के सीपीआरओ आरपी शर्मा ने एफई को बताया, ‘मोजाम्बिक रेलवे की एक टीम ने हाल के दिनों में रायबरेली में स्थित MCF का दौरा किया और इंडियन रेलवे कोच फैक्ट्री ने ऑर्डर के विशेष विवरण नोट किए। मोजाम्बिक के लिए रेलवे कोच का निर्माण भारतीय कोचों की तरह ही किया जाएगा मगर गॉज और लंबाई में अंतर होगा।’