भविष्य निधि (पीएफ) की रकम निकालने के नियमों में बदलाव से लोगों को झटका लगा है। पूरी रकम निकालने पर रोक के अलावा जनवरी-फरवरी में पीएफ निकालने का आवेदन कर चुके कर्मचारियों की न केवल रकम अटक गई है, बल्कि उन्हें नए फार्म पर दोबारा से आवेदन करना पड़ेगा। उसके बाद नए नियमों के आधार पर ही रकम मिल पाएगी।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 7000 से ज्यादा कंपनियां हैं, जिनमें लाखों लोग नौकरी करते हैं। सेक्टर-24 में भविष्य निधि संगठन का क्षेत्रीय कार्यालय है। पिछले दिनों शादियों का मौसम होने के कारण काफी बड़ी संख्या में रकम निकालने का आवेदन करने वालों को नियमों में बदलाव का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। विभाग के सूत्रों के अनुसार, दो महीने के दौरान आए कई हजार आवेदन अब नए सिरे से जमा कराने होंगे।
नए नियमों के मुताबिक, उपभोक्ता अब पीएफ की पूरी राशि नहीं निकाल पाएंगे। वे पीएफ खाते से सिर्फ अंशदान ही निकाल सकेंगे। नियोक्ता की तरफ से कर्मचारी के खाते में जमा किए जा रहे अंशदान को निकालने की अनुमति नहीं होगी। पीएफ खाते में 12 फीसदी धनराशि उपभोक्ता और इतनी ही नियोक्ता की होती है। इसका एक हिस्सा पेंशन के खाते में जाता है। साथ ही पहले नौकरी छोड़ने के दो महीने बाद पीएफ की पूरी राशि एक साथ निकाली जा सकती थी, जबकि अब नियोक्ता का 12 फीसदी अंशदान 58 साल बाद ही मिल पाएगा। इसमें से अब उपभोक्ता अपने हिस्सा का ही अंशदान निकाल सकते हैं। वह भी दोबारा भविष्य निधि आॅफिस में नए फार्म से आवेदन करने के बाद ही मिलेंगे। उपभोक्ता कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की वेबसाइट से फार्म डाउनलोड कर सकेंगे।
पीएफ के क्षेत्रीय आयुक्त मनोज कुमार यादव ने बताया कि नए नियमों से आखिरकार फायदा उपभोक्ता को ही मिलेगा। पुराने नियमों में कर्मचारी के भविष्य निधि खाते से पूरी धनराशि निकालने के बाद खाते को बंद कर दिया जाता था। जबकि अब उपभोक्ता के खाते से रुपए निकालने के बाद भी खाता बना रहेगा और नियोक्ता के जमा रुपए पर ब्याज मिलेगा। यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के जरिए उपभोक्ता नौकरी बदलने पर भी पीएफ खाते को ट्रांसफर करा सकता है। इसके अलावा सेवानिवृत्त होने के बाद उसे बड़ी रकम के अलावा पेंशन का भी फायदा मिलेगा।