त्योहारी सीजन (Festive Season) में सोना (Gold) भारतीय लोगों की परंपरागत पहली पसंद रहा है। इस साल भी धनतेरस (Dhanteras) के मौके पर लोगों ने जमकर सोने की खरीदारी की और तमाम आशंकाओं को निराधार साबित कर दिया। इस मौके पर देश में करीब 15 टन सोने के गहनों की बिक्री हुई, जिनका बाजार मूल्य करीब 75 सौ करोड़ रुपये है।

अकेले महाराष्ट्र में 1500 करोड़ की बिक्री

खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की मानें तो इस त्योहारी सीजन ने आभूषण उद्योग को मंदी से उबार दिया है। सोने के गहने और सिक्कों की बिक्री अब कोविड से पहले के स्तर (Pre Covid Level) पर पहुंच गई है। कैट के अनुसार, धनतेरस पर सबसे अधिक करीब 15 सौ करोड़ रुपये के सोने के गहनों की खरीदारी महाराष्ट्र में की गई।

दिल्ली में बिका 1000 करोड़ का सोना

देश के अन्य हिस्सों के लोग भी धनतेरस पर सोने की खरीदारी में पीछे नहीं रहे। इस पावन मौके पर दिल्ली में करीब 1000 करोड़ रुपये के सोने के जेवर लोगों ने खरीद डाला। इसी तरह उत्तर प्रदेश में करीब 600 करोड़ रुपये के सोने के गहनों की बिक्री हुई। दक्षिण भारत में इस दिन करीब 2000 करोड़ रुपये के सोने के गहनों और सिक्कों की बिक्री होने का अनुमान है।

भाव अधिक होने के बाद भी बिक्री पर नहीं पड़ा असर

आपको बता दें कि हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, धनतेरस को सोना-चांदी, वाहन, घरेलू इस्तेमाल के उपकरण और बर्तन आदि की खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है। धनतेरस के मौके पर खरीदारी की पुरानी परंपरा रही है। यही कारण है कि दाम अधिक होने के बाद भी लोगों की खरीदारी पर असर नहीं हुआ। पिछले साल धनतेरस के समय जहां दिल्ली में सोना 39,240 रुपये प्रति 10 ग्राम था, इस बार भाव 46 हजार से 47 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच है। इस तरह इस बार धनतेरस पर सोना पिछले साल की तुलना में 17 प्रतिशत से अधिक महंगा रहा है।

वाहनों की बिक्री पर चिप शॉर्टेज का प्रेशर

हालांकि इस साल धनतेरस में वाहनों की खरीदारी (Vehicle Sale) में गिरावट आई है। एक अनुमान के अनुसार, इस साल धनतेरस पर गाड़ियों की बिक्री 25 से 30 प्रतिशत तक कम रही है। धनतेरस के मौके पर लोग सबसे अधिक टू-व्हीलर्स (2 Wheelers) खरीदते आए हैं। इस बार दोपहिया वाहनों की बिक्री भी कम रही है। विशेषज्ञ इसका एक कारण चिप शॉर्टेज (Chip Shortage) के चलते वेटिंग पीरियड बढ़ने को इसका प्रमुख कारण मान रहे हैं।

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टाइटन की कमाई में 77 प्रतिशत की तेजी

धनतेरस के मौके पर ग्राहकों को आकर्षित करने में कारोबारियों ने कोई कमी नहीं की। खुदरा ज्वेलर्स की दुकानें कई शहरों में आधी रात तक खुली रहीं। वहीं ज्वेलरी रिटेल ब्रांड भी कई आकर्षक ऑफर के सहारे ग्राहक जोड़ने का प्रयास करते नजर आए। टाटा समूह (Tata Group) की कंपनी टाइटन (Titan) कंपनी को उदाहरण के तौर पर देखें तो सितंबर में समाप्त हुई तीसरी तिमाही में इनकम में 77 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। इससे पता चलता है कि ग्राहकों में महंगी खरीदारी का भरोसा लौटने लगा है। गहनों की वैवाहिक मांग में भी सुधार आया है।