भारतीय रेलवे के तहत निजी ट्रेनों के संचालन के लिए 23 कंपनियों ने आवेदन किया है। कुल क्लस्टर में निजी ट्रेनों के संचालन के लिए बुधवार को आवेदन से पहले रेलवे की ओर से बुलाई गई मीटिंग में इन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। रेलवे के मुताबिक जिन कंपनियों ने ट्रेनों के संचालन में रुचि दिखाई है, इनमें कनाडा की दिग्गज कंपनी Bombardier और फ्रांस की Alstom शामिल है। इसके अलावा जर्मन कंपनी Siemens ने भी रुचि दिखाई है। भारतीय कंपनी लार्सन ऐंड ट्रुबो ने भी निजी ट्रेनों को चलाने के प्रोजेक्ट में दिलचस्प दिखाई है। आवेदन की प्रक्रिया से पहले रेलवे की ओर से बुलाई गई यह दूसरी मीटिंग थी।

बता दें कि कुल 23 कंपनियों में आईआरसीटीसी, गेटवे रेल, BHEL जैसी कंपनियां भी शामिल हैं। इन 23 कंपनियों में कोई भी चीनी कंपनी शामिल नहीं है। बता दें कि पिछले दिनों लद्दाख में सीमा पर चीनी सैनिकों के साथ झड़प के बाद से देश में चीनी कंपनियों के खिलाफ माहौल बना हुआ है। चीनी कंपनियों के 59 ऐप्स को बैन करने के अलावा केंद्र सरकार ने रेलवे और हाईवेज के ठेकों से भी चीनी कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाया है।

दरअसल रेलवे ने 2023 तक निजी ट्रेनों को पटरियों पर उतारने का फैसला लिया है। यही नहीं इसके लिए रेलवे ने अपनी तैयारियों को शुरू करते हुए ट्रैक में सुधार का काम भी शुरू कर दिया है ताकि निजी ट्रेनें समय पर और गति से चल सकें। मंगलवार को रेलवे ने चेन्नै-गुदूर और चेन्नै-रेनीगुंटा रेल सेक्शन पर ट्रैक को अपग्रेड करने का काम शुरू किया। माना जा रहा है कि इससे ट्रेनें 130 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से चल सकेंगी। इससे पहले रेलवे ने 2018 में ही दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नै को जोड़ने वाले ट्रैक्स में सुधार की योजना तैयार की थी ताकि इन महानगरों तक कनेक्टिविटी आसान और तेज हो सके।