ऑटो सेक्टर में मंदी के बीच कारोबारी और इंडिया सीमेंट के एमडी एन. श्रीनिवासन ने जीएसटी में कटौती को लेकर सबसे अलग राय रखी है। श्रीनिवासन का कहना है कि देश के ऑटो सेक्टर कि स्थिति उस बच्चे की तरह हो गई है जो बिना किसी बात के रोता है।

उन्होंने साफ कहा कि मंदी के बावजूद सरकार को ऑटो सेक्टर की मांग पर जीएसटी में कटौती नहीं करनी चाहिए। इससे पहले बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज ने भी इसी तरह की बात कही थी। राजीव बजाज का कहना था कि ऑटो सेक्टर में जो मौजूदा संकट की स्थिति पैदा हुई है इसके लिए वाहन निर्माता कंपनियों की खराब योजना जिम्मेदार है।

श्रीनिवासन ने कहा कि शुल्क में कटौती से मांग में बढ़ोतरी नहीं होगी। यह समस्या ढांचे से जुड़ी हुई है। हमारी तरफ (सीमेंट बिजनेस) देखें। हम दक्षिण भारत में जैसे तैसे अपना बिजनेस चला रहे हैं। पिछले 4 साल से लेकर अब तक हम हर 2 में 1 दिन ही अपना प्लांट चलाते हैं। सीमेंट पर भी 28 फीसदी का टैक्स है। हमने इसके साथ जीना सीख लिया है। हमने कभी भी टैक्स में कटौती की मांग नहीं की।

उन्होंने कहा कि इसके उलट कई दशक तक वृद्धि के बाद कुछ महीने ही बिक्री में कमी आने के बाद ऑटो सेक्टर जीएसटी में कटौती की मांग कर रहा है। श्रीनिवासन ने कहा कि हमारी फैक्ट्रियां अपनी क्षमता का सिर्फ 80 फीसदी ही उपयोग कर पा रही हैं।

श्रीनिवासन ने कहा कि ऑटो कंपनियों को रोने वाला बच्चा बनने और टैक्स में कटौती की मांग करने की बजाय सस्ते वाहन पेश करने चाहिए। इससे बाजार में ब्रिकी को लेकर माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि मंदी के बावजूद ऑटो कंपनियों अपने वाहनों की स्टॉक को बढ़ा रही हैं। मालूम हो कि जीएसटी काउंसिल की 20 सितंबर को बैठक होने जा रही है।

इससे पहले सरकार की तरफ से कहा गया था कि वह ऑटो सेक्टर के संकट को दूर करने के लिए ऑटो कंपनियों के संपर्क में है। इसके साथ ऑटो सेक्टर की तरफ से जीएसटी में कटौती की मांग पर जीएसटी काउंसिल की बैठक में चर्चा की भी बात कही गई थी।