देश की खुदरा मुद्रास्फीति में उछाल आया है जिसके चलते लोगों को अक्टूबर के महीने में महंगाई की मार और ज्यादा झेलनी पड़ी है। सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में महंगाई 4.62 प्रतिशत पर पहुंच गई थी जबकि सितंबर में यह 3.99 प्रतिशत थी। अक्टूबर 2019 में खाद्य पदार्थ की मुद्रास्फीति 7.89 प्रतिशत रही जबकि पिछले महीने यह 5.11 प्रतिशत ही थी।
खाद्य पदार्थों की महंगाई के चलते मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के पार चली गई।बता दें कि खुदरा महंगाई को कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के आधार पर जोड़ा जाता है। सब्जियों के बढ़ते दाम के चलते महंगाई दर इतनी बढ़ गई है।
अक्टूबर में सब्जियों की महंगाई दर 26.10 प्रतिशत रही, उसके बाद दाल की महंगाई दर11.72 प्रतिशत। मांस और मछली की महंगाई दर 9.75 फीसदी रही, जबकि अंडे 6.26 फीसदी महंगे हुए। खाद्य चीजों में शेष वस्तुओं की मुद्रास्फीति की दर 1.33 प्रतिशत से 4.08 प्रतिशत रही।
बता दें कि रिजर्व बैंक द्वैमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा में मुख्यत: खुदरा मुद्रास्फीति पर ही गौर करता है और रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के आस-पास दो प्रतिशत ऊपर और दो प्रतिशत नीचे के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया गया है।