वैसे तो फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज की डील पर अमेजन ने अड़ंगा लगा रखा है लेकिन फ्यूचर समूह का रिटेल कारोबार अब ट्रैक पर लौट रहा है। फ्यूचर समूह को उसका खुदरा बिक्री कारोबार जनवरी अंत तक सामान्य हो जाने की उम्मीद है। फ्यूचर समूह के फाउंडर किशोर बियानी ने ये जानकारी दी है।

मुकेश अंबानी की कंपनी से मिल रही मदद: फ्यूचर समूह को रिलायंस के जियोमार्ट से मदद मिल रही है। जानकारी के मुताबिक जियोमार्ट से बड़े आर्डर प्राप्त हो रहे हैं जिससे उसे मजबूत वापसी करने में मदद मिल रही है। किशोर बियानी ने कहा कि हमारे सभी स्टोर अब काम करने लगे हैं और हमारी बिक्री भी कोविड महामारी से पहले की तुलना में 50 से 60 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

नया माल भी स्टोरों में जा रहा है और मुझे लगता है कि यह महामारी के समय के निम्न स्तर से बढ़कर 70 से 80 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। किशोर बियानी के मुताबिक अमेजन द्वारा पैदा की गई रुकावट के बावजूद रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर ग्रुप के बीच सौदे को जल्द मंजूरी मिल जाएगी।

फ्यूचर समूह और रिलायंस के बीच हुई है डील: फ्यूचर समूह ने अपने खुदरा व्यवसाय को बेचने के लिये मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ 24,713 करोड़ रुपये का सौदा किया है।

फ्यूचर समूह बिग बाजार, एफबीबी, सेंट्रल एवं नीलगिरी जैसे खुदरा कारोबार को चलाता है। आपको बता दें कि फ्यूचर समूह की कंपनियां और उसके प्रवर्तकों पर कुल मिलाकर 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।

अमेजन कर रहा है विरोध: अमेजन ने रिलायंस और फ्यूचर समूह के बीच की इस डील का विरोध किया है। इसके मुताबिक अमेजन ने फ्यूचर समूह की गैर-सूचीबद्ध कंपनी फ्यूचर कूपन्स लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी।

डील में कंपनी ने समूह की प्रमुख कंपनी फ्यूचर रिटेल में तीन से 10 साल की अवधि के बाद हिस्सेदारी खरीदने के अधिकार हासिल किए थे। बता दें कि फ्यूचर रिटेल में फ्यूचर कूपन्स की 7.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है।