भारत और पाकिस्तान के बीच भले ही डायरेक्ट ट्रेड यानी प्रत्यक्ष व्यापार बहुत कम है। दोनों देशों के बीच लगातार भू-राजनीतिक तनाव और बॉर्डर पर टेंशन के चलते पिछले काफी समय से डायरेक्ट ट्रेड लगभग बंद है। लेकिन ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक, करीब 10 अरब डॉलर का सामान अप्रत्यक्ष माध्यमों यानी इनडायरेक्ट चैनल्स के जरिए सालाना पड़ोसी देश के बाजारों में पहुंचा है। बता दें कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत ने कई कड़े फैसले लिए हैं और अटारी बॉर्डर को भी बंद कर दिया है। इसके अलावा भारत में पाकिस्तान और पाक में भारतीय दूतावास को बंद रखने का फैसला भी लिया गया है।

खास बात है कि पहलगाम आतंकी हमले में 26 भारतीय पर्यटकों की मौत के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सभी शेष औपचारिक व्यापारिक संबंधों को खत्म कर दिया। लेकिन सबसे खास बात है कि दोनों देशों के बीच औपचारिक तौर पर ट्रेडिंग बंद हो गई हो लेकिन पाकिस्तान में भारतीय सामानों की मांग बनी हुई है और अब पड़ोसी मुल्क इन सामानों को तीसरे देशों के जरिए महंगे दाम पर खरीदेगा।

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भारत-पाक के बीच जारी है इनडायरेक्ट ट्रेड

व्यापारिक प्रतिबंधों के चलते अब पाकिस्तान जाने वाला सामान दुबई, सिंगापुर और कोलंबो रूट के जरिए पहुंच रहा है। जिस रास्ते से यह व्यापार हो रहा है, उसे स्पष्ट करते हुए GTRI ने कहा कि भारतीय कंपनियां इन पोर्ट्स पर सामान भेजती हैं, जहां एक इन्डिपेंडेंट फर्म ऑफलोड करके इन्हें वहां बने वेयरहाउसेज में रखती है। इन वेयरहाउस में सामान को बिना किसी ड्यूटी चुकाए यानी ट्रांजिट में रखा जाता है।

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इन वेयरहाउस में सामानों को नए लेबल और डॉक्युमेंट के साथ मोडिफाई किया जाता है ताकि ओरिजिन देश अलग दिख सके। उदाहरण के लिए भारत में बने सामान को दोबारा लेबल लगाकर ‘Made in UAE’ कर दिया जाता है। जरूरी मोडिफिकेशन के बाद इन सामानों को पाकिस्तान जैसे देश भेज दिया जाता है, जहां भारत के साथ डायरेक्ट ट्रेड की अनुमति नहीं है।

इस तरीके से कंपनियों को भारत-पाकिस्तान व्यापार प्रतिबंधों को दरकिनार करने और तीसरे देश के रूट का इस्तेमाल करके ऊंची कीमतों पर सामान बेचने में मदद करता है। वे जांच से भी बचते हैं क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि व्यापार दूसरे देशों से हो रहा है।

ऊंची कीमतों के लिए स्टोरेज, कागजी कार्रवाई और बंद बाजार तक पहुंच जैसे फैक्टर वजह हैं। गौर करने वाली बात है कि यह ट्रांसशिपमेंट मॉडल हमेशा अवैध नहीं होता है, यह ग्रे जोन में आता है।

कंपनियों ने खोजा बिजनेस का नया तरीका

GTRI ने कहा, “यह दिखाता है कि कंपनियां, व्यापार को जारी रखने के लिए रचनात्मक तरीके कैसे खोजती हैं – कई बार इनके तरीके सरकारों की प्रतिक्रिया से भी तेज होते हैं।”

पिछले हफ्ते, नई दिल्ली द्वारा इस्लामाबाद के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने और सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी व्यापारों को बंद कर दिया था।

बता दें कि 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच लगभग ट्रेड बंद था लेकिन अब पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह पूरी तरह खत्म हो गया है। बता दें कि दोनों देशों के बीच डायरेक्ट ट्रेड उस वक्त तेजी से खत्म हुआ जब भारत ने फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद, पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया था और इंपोर्ट पर 200 प्रतिशत टैक्स लगा दिया। अगस्त 2019 में भारत ने जम्मू-कश्मीर से Article 370 हटा दिया और इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी तरह के व्यापार को बंद करने का ऐलान किया।

अब भारत और पाकिस्तान के बीच बेहद सीमित एक्सपोर्ट जिसमें खासतौर पर फार्मा और केमिकल शामिल हैं, वही होता है। भारत पाकिस्तान को पहले फल, ड्राई-फ्रूट्स, लेदर, कपड़े और कुछ सर्जिकल सामान इंपोर्ट किया करता था। मौजूदा वक्त में भी यही सामान जाता है लेकिन इनकी संख्या में बड़ी गिरावट आई है।

पुलवामा और धारा 370 खत्म करने से पहले, पाकिस्तान के लिए भारत का एक्सपोर्ट 2018-19 में 2.06 अरब डॉलर था। 2019-20 में यह गिरकर 816 मिलियन डॉलर रह गया। वहीं 2018-19 में पाकिस्तान से इंपोर्ट 494.8 मिलियन डॉलर से घटकर सिर्फ 13.97 मिलियन डॉलर रह गया।

3024-25 में भारत ने पाकिस्तान में 47.6 मिलियन डॉलर का सामान भेजा जबकि 2023-24 में यह 1.1 बिलियन डॉलर था। पाकिस्तान से इंपोर्ट की बात करें तो यह 2024-25 में 0.42 मिलियन डॉलर था।

भारत का पाकिस्तान को एक्सपोर्ट

आधिकारिक डेटा के मुताबिक, अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 तक भारत ने पाकिस्तान को कुल 447.7 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सामान एक्सपोर्ट किया। देखें लिस्ट

फार्मास्युटिकल्स: 110.1 मिलियन डॉलर
एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स (APIs): 129.6 मिलियन डॉलर
चीनी: 85.2 मिलियन डॉलर
ऑटो पार्ट्स: 12.8 मिलियन डॉलर
खाद: 6 मिलियन डॉलर

जबकि पाकिस्तान से भारत का इंपोर्ट बेहद कम था। केवल USD 0.42 मिलियन के कृषि प्रोडक्ट जैसे अंजीर, तुलसी और रोजमैरी शामिल थे।