केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत से संकर बीजों के निर्यात की व्यापक संभावना है और देश खासकर सब्जियों, फूलों और कृषि फसलों के संकर बीज का बाजार निर्यातक बन सकता है। भारत का खुद का बीज बाजार 15,000 करोड़ रुपए सालाना का है और वैश्विक बीज बाजार में देश का हिस्सा दो फीसद से भी कम है। राष्ट्रीय बीज नीति में इसे 2020 तक बढ़ाकर 10 फीसद तक पहुंचाने का लक्ष्य है। भारत में कुछ फसलों की उपज में ठहराव के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए सिंह ने ऐसे नए और बेहतर किस्मों के विकास हेतु बीज क्षेत्र में शोध के लिए अधिक निवेश का आह्वान किया जो न केवल अधिक उपज देने वाले हों बल्कि जैविक और अजैविक दबाव वाली परिस्थितियों को झेलने में अधिक समर्थ भी हों।
एशिया और प्रशांत बीज संघ (एपीएसए)द्वारा आयोजित एशियाई बीज सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा- भारतीय बीज उद्योग, वैश्विक बाजारों के लिए बीज का प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन सकता है। कृषि मंत्रालय से जारी एक बयान के अनुसार कृषि मंत्री सिंह सम्मेलन में कहा कि भारत में बाकी देशों के मुकाबले सस्ते दर वाले संकर बीज उत्पादन की विशाल संभावना है विशेषकर अधिक मूल्य देने वाले सब्जियों के बीज की। उन्होंने कहा कि अपनी विविध कृषि पारिस्थिकीय क्षेत्रों, दक्ष मानव संसाधन और उद्यमशीलता के साथ देश विशेषकर महंगी सब्जियों, कृषि फसलों और फूलों के विविध प्रकार के बीजों की पेशकश कर सकता है।
सब्जियों के अलावा देश से संकर मक्का, धान, ज्वार और कपास के बीजों का एशिया और अफ्रीका के देशों में विशाल निर्यात संभावना है। बीज उद्योग कठिनाइयों के निराकरण के लिए सरकार की तत्परता का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा- हम विभिन्न कठिनाइयों को सुलझाने की बेहतर कोशिश करेंगे ताकि बीज उद्योग में काम करने वाले सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के भागीदार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांगों को पूरा कर सकें। उन्होंने कहा कि सरकार टिकाऊ वृद्धि के जरिए कृषि क्षेत्र में और अधिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है और बीज गुणवत्ता के नियामक ढांचे को अधिक भरोसेमंद, पारदर्शी और प्रगतिशील बनाने के लिए इसे निरंतर दुरुस्त करने की कोशिश प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वह आश्वस्त करना चाहते हैं कि सरकार बीज उद्योग को, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में अधिक विकसित करने की कोशिश कर रही है।

