भारत की अर्थव्यवस्था में मौजूदा वित्त वर्ष में 9 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिलेगी। एशियन डिवेलपमेंट बैंक ने यह आशंका जताई है। बैंक ने अपने अनुमान में कहा है कि देश में कोरोना के चलते आर्थिक स्थितियां बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं और इसका असर ग्राहकों के सेंटिमेंट पर पड़ा है। मांग में कमी आई है और इसके चलते अर्थव्यवस्था में गिरावट का माहौल बना हुआ है। हालांकि बैंक ने अगले वित्त वर्ष 2021-22 में देश की आर्थिक ग्रोथ के 8 पर्सेंट रहने की उम्मीद जताई है। जानकारों का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष में कमजोर मांग का आधार होने के चलते अगले फाइनेंशियल ईयर में तेजी का माहौल रहेगा।
एशियन डिवेलपमेंट आउटलुक में बैंक ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष में कारोबारी गतिविधियों में तेजी आएगी और इससे आर्थिक ग्रोथ में इजाफा होगा। बैंक के चीफ इकॉनमिस्ट यासुयुकी सवादा ने कहा, ‘भारत ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए कड़ा लॉकडाउन लगाया था और इसका असर अर्थव्यवस्था पर बेहद विपरीत रहा है।’ जीडीपी में गिरावट की एशियन डिवेलपमेंट की आशंका कई अन्य रेटिंग एजेंसियों के अनुमान के करीब ही है, जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट की भविष्यवाणी की है।
इससे पहले सोमवार को रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पुअर ग्लोबल रेटिंग्स ने भी मौजूदा फाइनेंशल ईयर में जीडीपी में 9 पर्सेंट की गिरावट की आशंका जताई थी। इससे पहले एजेंसी ने 5 पर्सेंट गिरावट की ही बात कही थी, लेकिन अब इसे बढ़ा दिया है। बता दें कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 पर्सेंट की गिरावट आई है। इन आंकड़ों के जारी होने के बाद से ही तमाम एजेंसियों ने भी गिरावट के अपने अनुमान को बढ़ा दिया है।
दरअसल कोरोना काल में देश में निजी निवेश में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इसके अलावा मांग में भी कमी आई है। ऐसे में इन महत्वपूर्ण संकेतकों में गिरावट का सीधा असर जीडीपी के लुढ़कने के तौर पर दिखा है।

