वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.1 फीसदी रही। वहीं, पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में देश की जीडीपी ग्रोथ 8.7 फीसदी रही। ये ग्रोथ रेट पिछले चार तिमाही के सबसे निचले स्तर पर है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 5.4 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने मंगलवार को ये आंकड़े जारी किए।
आंकड़ों के मुताबिक चौथी तिमाही में देश की जीडीपी बढ़कर 40.78 लाख करोड़ रुपए हो चुकी है, जो कि वित्त वर्ष 2020-21 की समान तिमाही में 39.18 लाख करोड़ रुपए थी। भारत सरकार के सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक मार्च तिमाही में जीडीपी 4.1 फीसदी दर्ज की गई है। जबकि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए GDP ग्रोथ 8.7 फीसदी दर्ज की गई।
वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 8.5 फीसदी और पहली तिमाही में 20.3 फीसदी थी। हालांकि, सरकार ने अपने अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ग्रोथ रेट 8.9 फीसदी बताई थी। जनवरी में ओमिक्रॉन के मामलों में वृद्धि और फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध ने अर्थव्यवस्था के संकट को और बढ़ा दिया, जिसके चलते वस्तुओं की कीमतें बढ़ गईं और आपूर्ति में कमी आयी।
यह जीडीपी ग्रोथ रेट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 2020 में कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद आर्थिक सुधारों में प्रगति को दर्शाता है। हालांकि, जीडीपी ग्रोथ 28 फरवरी को जारी दूसरे अग्रिम अनुमान 8.9 प्रतिशत और जनवरी में जारी पहले अग्रिम अनुमान 9.2 प्रतिशत से कम है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2022-23 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 0.3 फीसदी की ग्रोथ: वित्त वर्ष 2021-22 में जिन सेक्टर्स में डबल डिजिट की ग्रोथ दर्ज करने का अनुमान था उनमें मैन्युफैक्चरिंग (9.9%), खनन और उत्खनन (11.5%), कंस्ट्रक्शन (11.5%), व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाएं (11.1%), लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाएं (12.6%) शामिल हैं। हालांकि, आठ प्रमुख क्षेत्रों में जनवरी-मार्च तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग एकमात्र क्षेत्र था जहां चौथी तिमाही में कमी देखी गयी। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 0.3 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई थी। कृषि ने चौथी तिमाही में 4.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की, जबकि खनन और उत्खनन और निर्माण क्षेत्रों में क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 2.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई।