वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी एचएसबीसी के अनुसार देश की वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में ‘स्वत: ठीक करते हुए’ 7.4 प्रतिशत के स्तर पर बनी रह सकती है। एचएसबीसी को लगता है कि देश की नई जीडीपी श्रृंखला अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर की सच्चाई को बढ़ा चढ़ाकर पेश करती है और अगली कुछ तिमाही में यह अधिमूल्यांकन कम हो सकता है।

एचएसबीसी ने एक शोध रिपोर्ट में कहा, ‘‘अगली छह तिमाहियों में कीमतें सामान्य होगी, यह अधिमूल्यांकन धीरे-धीरे कम होना चाहिए।’’ रिपोर्ट में वृद्धि दर 2016-17 में 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसमें कहा गया है, ‘‘अगली छह तिमाहियों में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि नरम हो सकती है, पर अच्छी बारिश की भविष्यवाणी के साथ उसी अनुपात में कृषि क्षेत्र में वृद्धि का अनुमान है। इससे गिरावट की भरपाई हो सकती है।’’ देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विनिर्माण तथा कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी बहुत अलग-अलग नहीं है और यह क्रमश: 17 प्रतिशत और 15 प्रतिशत है।

एचएसबीसी के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में सामान्य वृद्धि तथा बैंकिंग क्षेत्र में दबाव से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है लेकिन कृषि में तेजी के साथ उपभोग में जारी पुनjgद्धार नरमी की भरपाई करेगा। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने बेहतर मानसून की भविष्यवाणी को देखते हुए देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। वित्त मंत्रालय ने 2016-17 में आर्थिक वृद्धि दर 7.0 से 7.75 प्रतिशत रह सकती है।