रूस से तेल खरीदने के चलते अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला किया है। इस बीच खबर है कि भारत ने बोइंग जेट्स (Boeing Jets) की 3.6 बिलियन डॉलर वाली एक बड़ी डील को फिलहाल रोक दिया है। 6 अतिरिक्त बोइंग P-8I समुद्री गश्त एयरक्राफ्ट के लिए इस ओरिजिनल डील को साल 2021 में यूएस स्टेट डिपार्टमेंट से 2.42 बिलियन डॉलर में मंजूरी मिली थी। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में स्प्लाई चेन बाधित होने, महंगाई और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाए जाने के चलते इस डील की कीमत अब काफी बढ़ चुकी है।
रक्षा सूत्रों के हवाले से आईं रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रोजेक्ट की लागत में करीब 50 फीसदी के इजाफे के चलते फिलहाल इस डील को रोकने का फैसला लिया गया है। अगस्त की शुरुआत में ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ की वजह से डील की लागत में बड़ा इजाफा हुआ। टैरिफ लागू होने के बाद बोइंग के लिए एयरक्राफ्ट बनाने में लगने वाले पार्ट्स और कंपोनेंट काफी ज्यादा महंगे हो गए हैं। और इन पार्ट्स का खर्च खरीदारों को देना पड़ता है और इस डील में भारत सरकार को बढ़ी हुई कीमतें चुकानी होंगी।
कई अलग-अलग रिपोर्ट्स में पता चला है कि रक्षा मंत्रालय ने फिलहाल इस अधिग्रहण को रोकने का फैसला लिया है और एक बार फिर से रणनीतिक तौर पर इस डील का मूल्यांकन किया जाएगा। पुर्नमूल्यांकन के दौरान, बढ़ती लागत, बढ़ते हुए भू-राजनीतिक गतिशीलता और रणनीतिक स्वायत्तता इस डील पर लिए जाने वाले आखिरी फैसले में अहम भूमिका निभाएंगे। लेकिन, गौर करने वाली बात है कि फिलहाल इस डील या इसके रद्द होने से जुड़ी कोई आधिकारिक जानकारी भारत सरकार की तरफ से नहीं दी गई है।
क्यों 50 प्रतिशत बढ़ गई डील की लागत?
विमानों की सप्लाई चेन में भारतीय निर्यात या भारतीय में निर्मित पार्ट्स शामिल होते हैं जिन्हें अब अमेरिका में आयात करने या फाइनल प्रोडक्ट में शामिल करने पर टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। इस तरह, यह टैरिफ बोइंग के लिए कुल लागत को बढ़ाता है और बढ़ी हुई लागत का पूरा भार भारतीय खरीदार यानी भारत सरकार पर डालता है।
एअर इंडिया ने यूएस भेजे ड्रीमलाइनर
आपको बता दें कि डील से जुड़ी ये खबरें तब सामने आई हैं जब एअर इंडिया ने अपने Boeing 787-8 ड्रीमलाइनर्स को पुराने पुर्जे हटाने और सही करने के लिए यूएस भेजा है। पीटीआई को सूत्रों ने बताया कि सही किया गया पहला बोइंग जेट इस साल के आखिर तक बेड़े में शामिल होना था। एअर इंडिया के पास कुल 33 ड्रीमलाइनर हैं जिनमें 26 Boeing 787-8s और सात Boeing 787-9s शामिल हैं।
पहला लीगेसी ड्रीमलाइनर अमेरिका में बोइंग फैसिलिटी में रेट्रोफिटिंग के लिए चला गया है और वहां कई अलग-अलग सर्टिफिकेशन प्रक्रियाएं होंगी। रेट्रोफ़िटेड विमान, जो शेष विमानों के लिए भी टेम्पलेट होगा, इस साल के अंत तक बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि एक बार ऐसा हो जाने के बाद, एयरलाइन का लक्ष्य रेट्रोफिटिंग के लिए हर महीने दो पुराने ड्रीमलाइनर भेजने का है।
इन रेट्रोफिटेड विमानों में 3 क्लास में सीटें मिलेंगी, जिनमें से हरएक में 20 बिजनेस क्लास, 25 प्रीमियम इकोनॉमी और 205 इकोनॉमी क्लास सीटें होंगी।