वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट कल यानी 22 जुलाई 2024 को पेश करेंगी। इस साल पेश होने वाला यह दूसरा बजट है। इससे पहले वित्त मंत्री 1 फरवरी 2024 को लोकसभा चुनाव से पहले अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश कर चुकी हैं। आने वाले यूनियन बजट 2024-25 (Union Budget 2024-25) में मिडिल क्लास को उम्मीद है कि सरकार इनकम टैक्स से जुड़े कुछ बड़े ऐलान कर सकती है।
पिछले करीब एक दशक से 80C, इनकम टैक्स स्लैब में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। लेकिन इस बार निर्मला ‘ताई’ से टैक्सपेयर्स आस लगाए बैठे हैं कि सरकार शायद इनकम टैक्स का बोझ कम करे और टैक्स छूट की लिमिट को बढ़ाए ताकि घर आने वाली इन-हैंड सैलरी में इजाफा हो सके। हम आपको इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव को लेकर आ रही हर अपडेट देंगे लाइव। पढ़ें पल-पल की अपडेट…
New Tax Regime income Tax Slab
इनकम टैक्स स्लैब | टैक्स |
0 से 3 लाख | 0 प्रतिशत |
3 से 7 लाख | 5 प्रतिशत |
7 से 12 लाख | 10 प्रतिशत |
12 से 15 लाख | 15 प्रतिशत |
15 लाख से ऊपर | 30 प्रतिशत |
उम्मीद है कि सरकार सैलरीड टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए 80C के तहत मिलने वाली डेढ़ लाख रुपये की लिमिट को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर सकती है।
80C के तहत टैक्सपेयर्स को LIC, प्रोविडेंट फंड कॉन्ट्रिब्यूशन, इक्विटी लिंक्स सेविंग्स स्कीम, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, सुकन्या समृद्धि योजना, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि निवेश पर छूट मिलती है।
बेसिक टैक्स छूट की लिमिट की तरह ही 80C के तहत डिडक्शन में बढ़ोत्तरी 2014-15 में ही आखिरी बार हुई थी।
पुराने रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 70,000 रुपये तक करने की उम्मीदें टैक्सपेयर्स को हैं।
इस बार बजट 2024 में वित्त मंत्री से नए रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 1 लाख रुपये तक किए जाने की उम्मीद की जा रही है।
2019 के बजट में इस स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया।
वित्त मंत्री से उम्मीद की जा रही है कि दोनों टैक्स रिजीम में बेसिक छूट की लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी जाए।
पुराने रिजीम की तो आखिरी बार इसमें 2014-15 में बदलाव हुआ था। यानी आखिरी बदलाव को करीब एक दशक हो गया है।
बजट 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई 2024, दिन बुधवार सुबह 11 बजे संसद के निचले सदन लोकसभा में पेश करेंगी।
मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट से मिडिल क्लास को बड़ी उम्मीदें हैं। सरकार द्वारा इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है।