Income tax refund: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) सही ढंग से भरने के बावजूद क्या आपका वाजिब रिफंड अटक सकता है? कई टैक्स पेयर्स को ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ता है, जिसके लिए पहली नजर में बेहद मामूली लगने वाली कोई गड़बड़ी जिम्मेदार हो सकती है। लेकिन उस छोटी सी गड़बड़ी को भी अगर सही समय पर ठीक नहीं किया जाए, तो आयकर रिफंड मिलने में अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। मिसाल के तौर पर अगर पर्मानेंट अकाउंट नंबर (PAN) और बैंक अकाउंट में दिए गए टैक्सपेयर के नाम में कोई मिसमैच है, खाते का IFSC कोड सही नहीं है, या जिस बैंक खाते का डिटेल आयकर विभाग पास है, वो बंद हो चुका है, तो आयकर रिटर्न सही ढंग से दाखिल करने के बावजूद रिफंड अटक सकता है। ऐसा होने पर आपको क्या करना चाहिए, इसकी जानकारी आगे देंगे, लेकिन पहले जानते हैं कि कब और किन्हें मिलता है इनकम टैक्स रिफंड।

कब और किन्हें मिलता है इनकम टैक्स रिफंड?

अगर आपके एंप्लॉयर ने या पेमेंट करने वाले ने जितना टीडीएस काटकर आयकर विभाग में जमा किया है, वह आपकी कुल टैक्स देनदारी से ज्यादा है, या आपने ज्यादा एडवांस टैक्स भर दिया है, तो आपको इनकम टैक्स रिफंड मिल सकता है। यह रिफंड आपको अपने आयकर रिटर्न में क्लेम करना होगा। साथ ही तय डेडलाइन के भीतर अपना रिटर्न भरकर वेरिफाई करना भी जरूरी है। इसी के बाद इनकम टैक्स विभाग आपके रिटर्न को प्रोसेस करेगा और फिर आपका जो भी रिफंड बनता होगा, वो आपके बैंक खाते में डिपॉजिट कर दिया जाएगा। यह रिफंड हमेशा प्री-वैलिडेटेड बैंक खाते में इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विस (ECS) के जरिये जमा किया जाता है। इसके लिए पैन और बैंक खाते में दिए नाम और दूसरे विवरणों का मिलान किया जाता है।

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नाम में जरा सा अंतर भी कर सकता है परेशान 

अगर टैक्सपेयर्स के पैन और बैंक अकाउंट में दिए गए आपके नाम या किसी अन्य डिटेल में जरा सा भी मिस-मैच है, तो हो सकता है आयकर विभाग आपका रिफंड जारी न करे। यह अंतर स्पेलिंग के मामूली हेर-फेर से लेकर फर्स्ट नेम (First Name), मिडल नेम (Middle Name) या सरनेम लिखने के तरीके तक में हो सकता है। कई बार ऐसे मामूली मिसमैच पर टैक्स पेयर का ध्यान पहले नहीं जाता है, क्योंकि ऐसे मिसमैच की वजह से आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में कोई दिक्कत नहीं होती है। लेकिन जब लंबे समय तक इंतजार करने के बाद भी रिफंड नहीं आता, तब जाकर वे खोजना शुरू करते हैं कि आखिर उनका रिफंड क्यों अटका है। 

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रिटर्न भरने से पहले चेक करें डिटेल

बेहतर यही होगा कि टैक्सपेयर अपना इनकम रिटर्न फाइल करने से पहले ही चेक कर लें कि कहीं उनके बैंक अकाउंट और पैन में दिए गए नाम में कोई अंतर तो नहीं है। इसके अलावा उन्हें यह भी देख लेना चाहिए कि उनका बैंक खाता पैन से लिंक है और अकाउंट इनकम टैक्स पोर्टल पर पहले से वैलिडेट किया जा चुका है। अगर बैंक खाते और पैन के नाम में जरा भी अंतर है, तो उसे ठीक कराना होगा। अगर पैन में दिया गया नाम सही है, तो बैंक खाते में करेक्शन कराना बेहतर रहेगा। लेकिन अगर पैन में दिए नाम में कोई गलती हो गई है, तो उसे भी ठीक कराया जा सकता है। इसके लिए जरूरी दस्तावेजों के साथ पैन करेक्शन फॉर्म भरकर  सबमिट करना होगा। अगर बैंक खाते में दिए नाम में गड़बड़ी है और पैन कार्ड, आधार कार्ड में सही नाम दिया है, तो इन दस्तावेजों के आधार पर बैंक में नाम आसानी से दुरुस्त कराया जा सकता है।

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रिफंड अटकने पर क्या करें 

अगर आप रिटर्न फाइल करने से पहले ही यह काम कर लेते हैं, तब तो कोई दिक्कत ही नहीं होगी। लेकिन आपको इस मिसमैच का पता देर से चलता है, जिसकी वजह से आपका रिफंड अटक गया है या अटकने की आशंका है, तो भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। रिटर्न फाइल करने के बाद भी आप पैन या बैंक खाते में करेक्शन करवा सकते हैं। एक बार गड़बड़ी ठीक हो जाए, तो आपको इनकम टैक्स पोर्टल पर जाकर रिफंड जारी करने के लिए रिक्वेस्ट डालनी होगी। जिसके बाद कुछ ही दिनों में आपका रिफंड आपको मिल जाना चाहिए।