Income Tax payers in India: पीएम नरेंद्र मोदी ने 12 फरवरी को टाइम्स नाउ समिट में कहा था कि देश में सिर्फ 1.5 करोड़ लोग ही टैक्स अदा करते हैं। 130 करोड़ की आबादी वाले देश में सिर्फ 1 फीसदी लोगों के ही टैक्स चुकाने पर पीएम मोदी ने हैरानी जताई थी। उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि देश में वकील, डॉक्टर और सीए जैसे पेशेवर लोगों की संख्या महज 2200 है, जिन्होंने अपनी कमाई 1 करोड़ रुपये सालाना से ज्यादा घोषित की है। उनमें भी 20 साल से अधिक आयु के लोगों की बात करें तो यह 1.6 प्रतिशत ही होता है। यही नहीं इससे भी ज्यादा हैरान करने वाला आंकड़ा यह है कि टैक्सपेयर्स की संख्या बढ़ने की बजाय बीते एक साल में घटकर आधी हो गई है। आइए जानते हैं क्या हैं टैक्सपेयर्स की संख्या में कमी के कारण…
आंकड़ों के मुताबिक असेसमेंट ईयर 2018-19 में 3.29 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स चुकाया था। लेकिन 2019-20 में यह आंकड़ा 55 फीसदी घटते हुए 1.46 करोड़ पर आ ठहरा। आखिर टैक्स चुकाने वाले लोगों की संख्या में 1.83 करोड़ की यह कमी कैसे आ गई। दरअसल 2019-20 के लिए 1 फरवरी क पेश किए गए अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने 2.5 लाख से 5 लाख रुपये या उससे कम की आय वाले लोगों को टैक्स से छूट दे दी थी।
सरकार ने बजट में ऐलान किया था कि 2.5 लाख से लेकर 5 लाख रुपये या उससे कम कमाने वाले लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न तो फाइल करना होगा, लेकिन टैक्स की कोई देनदारी नहीं होगी। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ही शुरुआती अनुमानों के मुताबिक आईटीआर फाइल करने वाले देश के 1.8 करोड़ लोगों ने इस प्रावधान के जरिए अपनी टैक्सेबल इनकम जीरो बताई है। साफ है कि बजट में दी गई छूट के चलते ही बड़ी संख्या में लोग टैक्स के दायरे से बाहर हुए हैं।
4.3 करोड़ लोगों ने बताई 5 लाख से कम कमाई: आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर तक देश में 5.7 करोड़ लोगों ने आईटीआर फाइल किया, जिनमें से 4.3 करोड़ लोगों ने अपनी कमाई 5 लाख रुपये तक ही बताई है। ये वो लोग हैं, जिन्होंने आईटीआर तो फाइल किया है, लेकिन कोई टैक्स नहीं दिया। इसकी वजह 2019 के अंतरिम बजट में दी गई छूट ही है। 2018-19 में जीरो टैक्स वाले लोगों की संख्या 2.2 करोड़ थी।
आयकर विभाग ने मोदी की बात को बताया सही: इस बीच इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ट्वीट कर पीएम मोदी के दावे को सही करार दिया है। विभाग ने ट्वीट कर कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष में टैक्स रिटर्न फाइल करते हुए महज 2,200 डॉक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील या अन्य पेशेवर लोग हैं, जिन्होंने अपनी कमाई 1 करोड़ रुपये से अधिक बताई है।