देश में पहली बार इन्‍कम टैक्‍स विभाग बड़े पैमाने पर ‘टैक्‍स माफी’ देने पर विचार कर रहा है। इसके पीछे सोच यह है कि इससे लंबित कानूनी मामले घटेंगे, टैक्‍स वसूली का खर्च कम होगा और बड़े करचोरों पर फोकस करने में मदद मिलेगी। सरकार करीब 40 लाख लोगों पर 600 करोड़ रुपए का बकाया इन्‍कम टैक्‍स माफ करने पर विचार कर रही है। इसका फायदा उन लोगों को मिलेगा जिन पर 5000 रुपए से ज्‍यादा टैक्‍स बकाया नहीं हो। तीन साल के भीतर ऐसे बकायेदारों की संख्‍या 40 लाख तक पहुंच गई है।

सरकार पांच हजार रुपए तक के रिफंड के मामले निपटाने में भी तेजी ला रही है। इस संबंध में इन्‍क्‍म टैक्‍स विभाग ने एक सर्कुलर भी जारी किया है। इसमें कहा गया है कि पिछले तीन साल के रिफंड के मामलों में सबसे ज्‍यादा 5000 रुपए तक के ही हैं। ये मामले जल्‍दी निपटाए जाएं। हालांकि, पांच हजार रुपए तक के टैक्‍स माफ किए जाने को लेकर आधिकारिक रूप से अभी कुछ नहीं कहा गया है।

2014-15 में केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने रिफंड के 13 लाख मामले निपटाए। इनमें करीब 267 अरब रुपए का रिफंड भुगतान किया गया। बताते चलें कि रिफंड सरकार से वापस मिली उस अतिरिक्‍त रकम को कहते हैं जो आपने बतौर टैक्‍स जमा कराया था। टैक्‍स रिटर्न भर कर आप इस अतिरिक्‍त रकम की वापसी क्‍लेम कर सकते हैं। इसके बाद इन्‍कम टैक्‍स विभाग की ओर से यह रकम आपके बैंक खाते में जमा करा दी जाती है।