भारत में पहले से ही 33 फीसदी इनकम टैक्स लिया जाता है। इसके ऊपर से 15 फीसदी सर्विस टैक्स और 0.5 फीसदी कृषि कल्याण टैक्स भी देना पड़ता है। भारत में कमाएंगे तब भी टैक्स देंगे और खर्च करेंगे तब भी। अगर आम जनता से टैक्स के जरिए रकम लेने से ही ‘अच्छे दिन’ आते हैं तो अभी कई तरह के टैक्स हैं जो लगाए जा सकते हैं। डालते हैं नजर-

1. पॉपुलेशन टैक्स- भारत की जनसंख्या 1.3 अरब हो चुकी है और धीरे-धीरे आसमान छूती जा रही है। पहले ‘हम दो हमारे दो’ का सिखाया जाता था जोकि अब ‘हम दो हमारा एक बन’ चुका है, फिर भी स्थिति वही है। यहां संतान को भगवान की दुआ माना जाता है। ऐसे में लोगों पर पॉपुलेशन टैक्स लगना चाहिए तभी जनसंख्या पर रोक लगेगी।

2. गुटखा टैक्स- अगर गुटखा थूकने की प्रतियोगिता हो तो हर भारतीय ओलंपिक पदक जीत लेगा। 2015 में इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी रेलवे को 3.5 करोड़ रुपए गुटखा और पान के निशान को साफ करने में खर्च करने पड़े थे। स्वच्छ भारत अभियान से इतर देश में गुटखा टैक्स भी लगना चाहिए।

3. गाली टैक्स- चाहे नई हिंदी फिल्मों को इसके लिए जिम्मेदार समझिए या फिर पॉपुलर आइटम सॉन्ग्स को, गाली देना भी एक स्टाइल समझा जाता है। रोजमर्रा की भाषा में इनका इस्तेमाल किया जाता है। हर महीने के आखिरी में गाली देने वालों से टैक्स के रूप में कुछ राशि चार्ज की जाए।

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4. शौचालय टैक्स- कुछ लोग पूरे देश को ही शौचालय समझते हैं। उनका जहां मन करता है पेशाब या शौच कर देते हैं। ऐसे लोगों पर टैक्स लगना चाहिए।

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5. होर्न टैक्स- ट्रैवल करते वक्त कितनी बार ऐसा हुआ होगा कि पीछे वाले का होर्न सुन आपको गुस्सा आया हो। यहां लोग चलते कम हैं होर्न ज्यादा बजाते हैं। अगर किसी तरह लोगों के दिनभर के होर्न की गिनती हो सके तो उनपर टैक्स लगना चाहिए। हो सकता है इससे उन्हें सीख मिले।

6. जंक फूड टैक्स- 2015 की वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन रिपोर्ट के मुताबिक भारत मोटापे के शिकार लोगो के मामले में तीसरे नंबर पर आता है। इसके लिए पिज्जा और बर्गर जैसे फास्ट फूड सबसे बड़े कारण हैं। केरल में तो जंक फूड टैक्स लग ही चुका है, यह पूरे देश में लगना चाहिए।

7. पेड़ काटने पर टैक्स- हम पर्यावरण और खराब बारिश के लिए तो दिन रात रोते रहते हैं, वहीं पेड़ काटते वक्त इस बारे में नहीं सोचते। इस तरह के लोगों को बदलने के लिए और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए टैक्स लगना चाहिए।