इक्विटी में निवेश के नजरिए से हमेशा म्यूचुअल फंड को कम जोखिम वाला माना जाता है, लेकिन म्यूचुअल फंड में कई तरह के जोखिम जुड़े हुए होते हैं, जिन्हें नजरंदाज करना हमें भारी पड़ सकता है। अगर हम एक बार इस जोखिम को समझ लें, तो फिर हम इसे कम करने के उपाय कर सकते हैं।

गैर-व्यवस्थित जोखिम (Unsystematic Risk): गैर-व्यवस्थित जोखिम किसी एक कंपनी या सेक्टर से जुड़ा हुआ होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे 1. सरकार की ओर से किसी इंडस्ट्री के लिए व्यापार से जुड़े नियम ही बदल देना। 2. बाजार में किसी नए प्रतियोगी कंपनी का आना। 3.कंपनी को अपने प्रोडक्ट को वापस मांगने के लिए सरकार के द्वारा मजबूर करना। 4. कंपनी के वित्तीय घोटाला होना।

ऐसे सभी जोखिमों से निपटने के लिए एक निवेशक को अपने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में सभी प्रकार के म्यूचुअल फंड को रखना चाहिए, अगर कभी इस तरह के जोखिम का सामना करना पड़े, तो उसका आपके पोर्टफोलियो पर कम से कम प्रभाव हो।

व्यवस्थित जोखिम (Systematic Risk): व्यवस्थित जोखिम म्यूचुअल फंड को ही बल्कि पूरे देश और शेयर बाजार को प्रभावित करता है। इस पर किसी का नियंत्रण नहीं होता है। ये किसी प्राकृतिक या फिर मानव निर्मित आपदा, जंग, आतंकवादी हमले के कारण हो सकता है। इस जोखिम को टालने के लिए आपको हमेशा अपनी निवेश अवधि को लंबा रखना चाहिए।

व्यवहार जोखिम (Behaviour Risk): ये हमेशा आपके फंड मैनेजर और इन्वेस्टर दोनों के वजह से आ सकता है। इसके कारण आपको बड़ा नुकसान हो सकता है, लेकिन कई बार इस जोखिम के कारण निवेशक अपनी पूरी कैपिटल भी खो सकता है। आमतौर पर इस तरह के जोखिम अक्सर नए निवेशकों को अधिक प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए अगर कोई निवेशक किसी फंड को खरीदता है और नुकसान होने पर उसे होल्ड करके रखता है, लेकिन उसका नुकसान समय से साथ बढ़ता जाता है। उसे आप व्यवहार जोखिम कह सकते हैं। इससे बचने का सबसे सफल उपाय है कि आप शेयर हो या फिर म्यूचुअल फंड हमेशा स्टॉप लोस के साथ कारोबार करना चाहिए।