अपने सपनों का घर खरीदना बड़ी उपलब्धि होती है। इसके लिए भारी निवेश की जरूरत होती है। घर खरीदने के साथ रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए जिनके पास पर्याप्त फंड उपलब्ध उन्हें ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है लेकिन वे लोग जिन्हें घर लेने से पहले फंड का इंतजाम करने के लिए बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थान से मदद लेना होता है। वे सही रणनीति अपनाकर लोन रकम चुकाने के साथ पैसों की बचत भी कर सकते हैं। खुद के सपनों का घर खरीदने का प्लान अगर आप भी कर रहे हैं और इसके लिए 15 साल टेन्योर वाले 30 लाख के होम लोन की तलाश कर रहे हैं, तो रिपेमेंट के समय इन बातों का ध्यान रखकर पैसों की बचत भी हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में..

कम टेन्योर वाला होम लोन चुनें

घर खरीदने के लिए अगर आप किसी बैंक या वित्तीय संस्थान के लोन स्कीम की मदद लेते हैं, तो ध्यान रहे होम लोन का टेन्योर जितना अधिक होगा उतना अधिक ब्याज का भुगतान भी करना होगा। मिसाल के लिए अगर आपने घर खरीदने के लिए 30 लाख का होम लोन के लिए अप्लाई किया है. इस लोन का टेन्योर 15 साल है तो ऐसे में इस अवधि में 9 फीसदी की दर से कुल लोन अमाउंट के साथ 24.77 लाख ब्याज के रूप में जमा करने होंगे।वही अगर लोन टन्योर 10 साल का हुआ तो समान दर से 15.65 लाख और 20 साल होने पर लोन अमाउंट से अधिक यानी 34.78 लाख ब्याज देने होंगे।

ऐसे में ग्राहकों को होम लोन पर ब्याज भुगतान कम करने के लिए टेन्योर को यथासंभव कम चुनने की सलाह दी जाती है। अगर इस लोन पर पूरे टन्योर के लिए ब्याज दर 9% पर स्थिर नहीं रही यानी इसमें बढ़ोतरी हो गई, तो ग्राहक के जेब पर और बोझ बढ़ जाएंगे। ऐसे में होम लोन के लिए अप्लाई करने से पहले विभिन्न बैंकों के स्कीम के बारे में समझ लेना चाहिए। दरअसल अलग-अलग बैंकों में समान अमाउंट और टेन्योर वाले लोन पर ब्याज दर अलग हो सकते हैं।

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आय बढ़ने पर किस्त में करें इजाफा

कम टेन्योर वाले होम लोन चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। दरअसल ऐसी स्थिति में मंथली किस्त अधिक बनती है। जिससे घर खरीदने के इच्छुक ग्राहकों के लिए अधिक किस्त को अपने बजट में फिट करना मुश्किल हो जाता है। अगर 15 से 20 साल टेन्योर वाले लोन के लिए स्थिति बनती है, तो मंथली किस्त को धीरे-धीरे बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। ऐसा करके टेन्योर से पहले लोन अमाउंट चुकाई जा सकती है।

इंश्योरेंस कवर खरीद लें

घर के खरीदने के लिए अगर आप भारी रकम वाले लोन लेते हैं, तो ऐसी स्थिति में होम लोन लेना एक अच्छा विचार हो सकता है। ऐसा कर लेने के बाद किसी अप्रिय घटना के होने पर बचे लोन के रिपेमेंट से बच्चों को बचाया जा सकता है। बैंक के बजाय अलग से टर्म इंश्योरेंस खरीदना बेहतर माना जाता है। अगर आप टेन्योर से पहले लोन अमाउंट या बैंक बदलने पर भी इसके कवरेज का लाभ मिलता रहेगा।

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ज्वॉइंट होम लोन में मिलता टैक्स बेनिफिट

सरकार घर खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए होम लोन पर टैक्स डिडक्श का लाभ देती है। इनकम टैक्स की धारा 24b के तहत कोई भी कर्ज लेने वाला शख्स होम लोन के ब्याज पर 2 लाख रुपये तक टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकता है। अगर कोई नौकरी पेशेवर जोड़ी ज्वॉइंट होम लोन लेता है, तो वे सामूहिक रूप से टैक्स डिडक्शन के रूप में 4 लाख रुपये तक का क्लेम कर सकते हैं। ज्वॉइंट होम लोन अतिरिक्त लाभ देते हैं, जैसे कि कुछ राज्य महिला के नाम पर पंजीकृत प्रापर्टी के लिए कम स्टांप शुल्क लगाते हैं। उदाहरण के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र में पुरूष ग्राहक के नाम पर घर खरीदने पर 6 फीसदी स्टॉम्प ड्यूटी चार्ज किया जाता है वहीं महिला के नाम पर 4 फीसदी स्टांप शुल्क लगते हैं।