HMPV Virus impact, stock market crash: भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में आज ( 6 जनवरी 2025) को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। कारोबारी सप्ताह के पहले दिन शुरुआत तो हरे रंग के साथ हुई लेकिन बाजार बंद होते-होते Bloodbath हो गया। शेयर मार्केट में अचानक हुई बड़ी गिरावट के चलते निवेशकों में भय का माहौल है। दोनों प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) में बड़ी गिरावट के चलते निवेशकों की 8 लाख करोड़ से ज्यादा की रकम स्वाहा हो गई। कारोबार बंद होने के समय Sensex में 1258.12 (1.58 प्रतिशत) जबकि NSE Nifty में 388.70 (1.61 प्रतिशत) की गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी 388 पॉइन्ट टूटकर 23,616.05 पर जबकि सेंसेक्स 1258 अंक टूटकर 77,964.99 पर रह गया।
इन 5 कारणों के चलते शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट
HMPV वायरस की भारत में एंट्री: सोमवार को बाजार में आई गिरावट के लिए कई कारणों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इनमें सबसे बड़ा है चीन और भारत में एंट्री करने वाले HMPV वायरस के फैलने का डर। निवेशकों में डर बना कि कहीं फिर से 2020 में फैसी कोविड-19 महामारी जैसे हालात ना बन जाएं और इसके चलते आज शेयर बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांक बुरी तरह फिसल गए। भारत में आज बेंगलुरु और अहमदाबाद में दो नवजात शिशुओ में HMPV Virus का मामला सामने आया। हालांकि, अभी बहुत शुरुआती दौर है और सरकार इसे ना फैलने देने के लिए जरूरी कदम उठा रही है।
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ग्लोबल इकोनॉमी में उतार-चढ़ाव: पिछले कुछ सप्ताह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है। दुनिया की सबसे बड़ी अमेरिकी इकोनॉमी में भी हाल ही में पिछले कुछ सालों की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। यूएस में सत्ता बदलने वाली है और डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर 20 जनवरी को राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। पूरी दुनिया की नजर उनकी नीतियों पर रहेगी और अगर ट्रंप कड़े फैसले लेते हैं तो बाजार पर भी इसका असर पड़ेगा।
लगातार मजबूत होता डॉलर: लगातार मजबूत होते डॉलर और गिरते रुपये का असर भी भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा है। आज अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया तीन पैसे टूटकर 85.82 (अस्थायी) प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया। लगातार मजबूत होता डॉलर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बुरा संकेत है। इससे आयात और निर्यात पर असर पड़ रहा है जिससे सीधे तौर पर सरकारी खजाना प्रभावित हो रहा है। विदेशी निवेशकों (FIIs) द्वारा की जारी बिकवाली भी बाजार में गिरावट का बड़ा कारण है। आज भी विदेशी निवेशकों ने जमकर बिकवाली की, जिसके चलते Sensex और Nifty में गिरावट हुई।
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कच्चे तेल की कीमतों में उछाल: कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। कमजोर हाजिर मांग के बाद कारोबारियों के अपने सौदों की कटान करने से वायदा कारोबार में सोमवार (6 जनवरी 2025) को कच्चे तेल की कीमत 43 रुपये की गिरावट के साथ 6,330 रुपये प्रति बैरल हो गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में कच्चे तेल का फरवरी माह में आपूर्ति होने वाला अनुबंध 43 रुपये या 0.67 प्रतिशत की गिरावट के साथ 6,330 रुपये प्रति बैरल रह गया। इसमें 14,058 लॉट के लिए कारोबार हुआ। वैश्विक स्तर पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल की कीमत 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73.67 डॉलर प्रति बैरल रही, जबकि ब्रेंट क्रूड 0.41 प्रतिशत फिसलकर 76.20 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी बात नहीं है। कच्चे तेल के दाम बढ़ेंगे तो भारत में उसका असर देखने को मिलेगा और महंगाई दर बढ़ने की संभावना भी रहेगी।
तीसरी तिमाही के नतीजों को लेकर सस्पेंस: तीसरी तिमाही के नतीजे देने के लिए भारतीय कंपनियों ने तैयारी कर ली है। TCS भी इसी हफ्ते अपने तिमाही नतीजे जारी कर सकती है। HDFC बैंक द्वारा शेयर किए गए तिमाही नतीजे कमजोर हैं जिसका असर बाजार के सेंटिमेंट्स पर आज पड़ा और गिरावट हुई।