हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन और एचडीएफसी बैंक का विलय जल्द होगा। ऐसे में इनवेस्टर HDFC पर दांव लगा रहे हैं, क्योंकि HDFC निफ्टी50 इंडेक्स से बाहर होने वाला है। वहीं इसके बाहर होने के बाद इसकी जगह लेने के लिए कई कंपनियां तैयार हैं, जिसमें अडानी ग्रुप की सीमेंट कंपनी अंबुजा सीमेंट लिमिटेड, टाटा पावर और पिडिलाइट सबसे आगे हैं।
गौरतलब है कि कंपनी के मर्जर और डीमर्जर के मामले में शेयरधारकों के बैठक के बाद ही यह फैसला किया जाता है कि बीएसई और एनएसई में लिस्टेड कंपनी को हटाने का फैसला किया जाता है। वहीं 25 नवंबर को HDFC का HDFC बैंक में उसके विलय के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए शेयरधारकों की बैठक बुलाई गई है। इसके बाद ही निफ्टी50 इंडेक्स से हटाने पर फैसला किया जाएगा।
विलय में क्यों हो रही देरी
HDFC बैंक ने 15 अक्टूबर को अपनी सितंबर तिमाही के नतीजे जारी किए थे, जिसमें कंपनी ने मुनाफा दर्ज किया। इस कारण से बैंक में विलय को लेकर समय सीमा बढ़ा दी गई है। पहले यह विलय वित्त वर्ष 2022-23 के दूसरी तिमही में होने वाला था, लेकिन अब वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही तक बढ़ाया गया है।
नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट के अभिलाष पगड़िया ने कहाना है कि स्टॉक को दिसंबर 2022 के अंत तक या जनवरी 2023 के मध्य तक सभी निफ्टी इंडेक्स से बाहर रखा जा सकता है। एक्सपर्ट का कहना है कि निफ्टी 50 इंडेक्स में एचडीएफसी स्टॉक को पैसिव फंडों से भारी बिकवाली देखने को मिल सकती है, जो बेंचमार्क इंडेक्स को बारीकी से ट्रैक करते हैं। वर्तमान में, 22 से अधिक ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रबंधन के तहत संचयी संपत्ति के साथ बेंचमार्क के रूप में ट्रैक करते हैं।
1.5 अरब डॉलर का नुकसान
नुवामा ने कहा कि HDFC का स्टॉक को करीब 1.5 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। ऐसा एचडीएफसी के शेयरों के बाहर होने के कारण होगा और इसका असर एचडीएफसी बैंक पर भी पड़ेगा। एचडीएफसी के 25 शेयर के बादले शेयरधारकों को एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे। निफ्टी इंडेस्क से बाहर निकलने के लिए एचडीएफसी के शेयरों में तेज गिरावट भी एचडीएफसी बैंक में बिकवाली का कारण बन सकती है।
पगाड़िया ने कहा कि HDFC के Nifty 50 index से बाहर होने के बाद Pidilite Industries, अंबुजा सीमेंट और टाटा पावर वर्तमान एनएसई स्थिति के अनुसार सबसे आगे हैं।