मार्केट कैपिटलाइजेशन के मामले में देश के सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंक HDFC ने अपने खाताधारकों की पासबुक पर Deposit Insurance Cover की स्टाम्प लगानी शुरु कर दी है। इस स्टाम्प में लिखा गया है कि बैंक में अपने पैसे जमा करने वाले लोगों को बैंक में नकदी की समस्या होने पर 1 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस मिलेगा। HDFC बैंक की इस स्टाम्प को लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चाएं चल रही हैं।
इस स्टाम्प की तस्वीर साझा करते हुए एक दीपक नामक यूजर ने लिखा कि “पहले PMC बैंक फ्रॉड, जहां खाताधारकों को परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं अब HDFC बैंक कह रहा है कि आपका पैसा 1 लाख रुपए तक इंश्योरेड है। ऐसे में बाकी पैसे का क्या? यह हमारा मेहनत से कमाया पैसा है।”
अब इस ट्वीट पर HDFC बैंक ने Deposit Insurance Cover स्टाम्प को लेकर सफाई दी है। एचडीएफसी बैंक ने ट्वीट कर लिखा कि हैलो दीपक, यह एक महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण है कि व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर जो तस्वीर सर्कुलेट हो रही है, वह आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार है।
Firstly PMC Bank Frauds where A/c Holders are suffering and Now,@HDFC_Bank says that (through stamps on PB) your money is insured upto 1 Lac.
What about the rest ? It is our Hard Earned Money.#ShamefulDigitalIndia @nsitharaman @RBI @FinMinIndia pic.twitter.com/RAXuaIP7NU
— deepak sharma (@dippy_7227) October 18, 2019
बैंक ने ट्वीट कर लिखा कि “हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि 22 जून, 2017 के आरबीआई सर्कुलर में बताया गया था कि सभी कमर्शियल बैंक, सभी छोटे वित्त बैंक और अन्य पेमेंट बैंक को पासबुक के ऊपर डिपोजिट इंश्योरेंस कवर और उसकी कवरेज लिमिट की स्टाम्प लगाने के निर्देश दिए गए थे।”
बैंक ने कहा कि पासबुक पर स्टाम्प आरबीआई के दिशा-निर्देशों के तहत ही लगायी जा रही है। बता दें कि बीते दिनों पंजाब एंड महाराष्ट्र कॉ-ऑपरेटिव बैंक (PMC बैंक) में धांधली का खुलासा हुआ है। घोटाले के चलते पीएमसी बैंक खाताधारक बैंक से अपना पैसा भी नहीं निकाल पा रहे हैं। यही वजह है कि HDFC बैंक की स्टाम्प चर्चा का विषय बनी हुई है।