एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक का विलय 1 जुलाई यानी आज से लागू हो जाएगा। शुक्रवार को बैंक की बोर्ड की बैठक हुई थी, जिसमें एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के मर्जर को मंजूरी मिल गई है। वहीं, 13 जुलाई की तारीख रिकॉर्ड डेट के रूप में तय की गई है।

13 जुलाई से एचडीएफसी शेयरधारकों के लिए शेयर आवंटित करेगा। शेयर बाजारों को देर शाम दी गई सूचना में कहा गया कि दोनों कंपनियों के निदेशक मंडलों की अलग-अलग हुई बैठक में विलय प्रस्ताव को अंतिम स्वीकृति दी गई। एचडीएफसी बैंक ने कहा गया था कि विलय की यह योजना एक जुलाई से प्रभावी हो जाएगी। इसके तहत, एचडीएफसी लिमिटेड का एचडीएफसी बैंक में विलय हो जाएगा और एक स्वतंत्र इकाई के तौर पर एचडीएफसी लिमिटेड का अस्तित्व खत्म हो जाएगा।

एचडीएफसी बैंक ने 4 अप्रैल, 2022 को देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी का खुद में विलय करने पर सहमति जताई थी। इस विलय के बाद देश की एक बड़ी वित्तीय सेवा कंपनी सृजित होगी, जिसकी कुल परिसंपत्ति 18 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक होगी।

नवगठित कंपनी की बीएसई के इंडेक्स में हिस्सेदारी रिलायंस इंडस्ट्रीज से भी ज्यादा हो जाएगी। फिलहाल रिलायंस की हिस्सेदारी 10.4 प्रतिशत है लेकिन विलय के बाद एचडीएफसी बैंक की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत के करीब हो जाएगी। इस सौदे के तहत एचडीएफसी के हर शेयरधारक को 25 शेयरों के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे। इस विलय के बाद बना बैंक 168 अरब डॉलर का होगा।

शेयर मार्केट पर होगा असर

एचडीएफसी लिमिटेड के शेयरों की डीलिस्टिंग का काम 13 जुलाई से शुरू हो जाएगा। इसके बाद अगर ग्राहक शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो 14 जुलाई से एचडीएफसी लिमिटेड के शेयर नहीं खरीद पाएंगे। इस विलय के बाद एचडीएफसी बैंक में 100 प्रतिशित हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारकों की होगी और एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारकों के पास बैंक की 41 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी।