(लेखक – कमाल सैयद, राशि मिश्रा)

Har Ghar Tiranga Campaign: गुजरात के सूरत में पांडेसरा की एक टेक्सटाइल फैक्ट्री में सफेद कपड़े के रोल  (जिसे ग्रे फैब्रिक कहा जाता है) पर लगातार मशीन के जरिए रंगाई और छपाई का कार्य तेजी से हो रहा है। इसमें केसरिया, हरा रंग और फिर अशोक चक्र की मुहर लगाकर तिरंगा तैयार किया जा रहा है।

फैक्ट्री के मालिक संजय सरावगी का कहना है कि उन्हें ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के लिए एक करोड़ झंडे की आपूर्ति करने का ऑर्डर मिला है। इस अभियान के तहत सरकार ने आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर 13 से 15 अगस्त के बीच देशभर के 24 करोड़ घरों पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सरकार ने पिछले साल दिसंबर में फ्लैग कोड में भी परिवर्तन किया था, जिसके बाद तिरंगे को खादी के साथ पॉलिएस्टर कपड़े से बनाने की अनुमति दे दी गई है। आगे उन्होंने बताया कि कॉर्पोरेट-सरकारी साझेदारी के जरिए सूरत की कपड़ा मिलों को मिलने वाला अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है।

केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय की राज्यमंत्री और सूरत से भाजपा की सांसद दर्शना जरदोश ने इंडियन एक्सप्रेस की बताया कि कंपनियों से तिरंगों कोे बनाने के लिए अपने सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड का उपयोग करने के लिए कहा गया है। हम कोशिश कर रहे हैं कि लोग झंडा खरीदे और इसके लिए  20×30 माप वाले झंडे की कीमत 25 रुपए रखी गई है। आगे उन्होंने कहा कि जब लोग किसी चीज के लिए पैसा खर्च करते हैं, तो वह उसकी देखभाल करते हैं। अगर ये सब मुफ्त में दिया जाता है, तो कोई भी देखभाल नहीं करेगा।

जरदोश ने बताया कि सूरत के अलावा झंडे बनाने के बड़े ऑर्डर नोएडा, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के कई राज्यों की कंपनियों को दिए गए हैं। सूरत की कपड़ा मिलों के मांग को पूरा करने की क्षमता है और तिरंगा बनाने के लिए उपयोग होने वाले सभी संसाधन यहां मौजूद हैं। हमारा (कपड़ा और संस्कृति मंत्रालय) लक्ष्य है कि इस अभियान के तहत पूरे देश भर में 12 करोड़ से अधिक तिरंगे फहराए जाएं। ऐसे ही लक्ष्य और भी मंत्रालयों को दिए गए हैं। पूरे देश में 24 करोड़ घर हैं।  सरकार की कोशिश है कि हर घर में तिरंगा पहुंचें।