केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को जीएसटी कम्पेन्सेशन के तौर पर 2019-20 में  1.65 लाख करोड़ रुपये जारी किए हैं। केंद्र सरकार ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस के तौर पर सिर्फ 95,444 करोड़ रुपये ही आए हैं, इसके बाद भी केंद्र ने 1.65 लाख करोड़ रुपये की पूरी राशि जारी कर दी है। इसमें मार्च महीने के 13,806 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के चलते जीएसटी से टैक्स कलेक्शन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की मीटिंग के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए ये ऐलान किए। यह जीएसटी काउंसिल की 41वीं मीटिंग थी, जिसमें सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने हिस्सा लिया।

कलेक्शन में कमी के बारे में बताते हुए राजस्व सचिव ने कहा कि अटॉर्नी जनरल ने यह राय दी है कि जीएसटी संग्रह में आने वाली कमी की भरपाई भारत की संचित निधि से नहीं की जा सकती। वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी संग्रह में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी रही है, इसमें से केवल 97,000 करोड़ रुपये की कमी का कारण जीएसटी क्रियान्वयन है, जबकि शेष कमी का कारण महामारी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पांच घंटे चली जीएसटी परिषद की बैठक में राज्यों को क्षतिपूर्ति के दो विकल्पों पर चर्चा की गई।

वित्त मंत्री ने कहा कि जिन विकल्पों पर चर्चा हुई, वे केवल चालू वित्त वर्ष के लिए हैं, जीएसटी परिषद अगले साल अप्रैल में एक बार फिर मामले पर विचार करेगी। राजस्व सचिव ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में अप्रैल-जुलाई के लिए राज्यों का बकाया 1.5 लाख करोड़ रुपये है। वित्त मंत्री ने कोरोना वायरस महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है।

दुपहिया पर जीएसटी घटाने पर नहीं हुआ फैसला: जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में दुपहिया वाहनों पर जीएसटी की दर को 28 से घटाकर 18 पर्सेंट तक किए जाने को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका। वित्त मंत्री ने कहा कि यह मामला जीएसटी काउंसिल में उठाया जा सकता है। बता दें कि मीटिंग से पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि सरकार की ओर से दुपहिया वाहनों पर जीएसटी में कटौती का ऐलान किया जा सकता है। जीएसटी कम्पेन्सेशन कलेक्शन के लक्ष्य से भी कम रहने पर केंद्र सरकार ने राज्यों से 7 वर्किंग डेज के भीतर सुझाव मांगे हैं। केंद्र सरकार ने अपनी ओर से आरबीआई से इस संबंध में लोन के जरिए मदद लेने का प्रस्ताव दिया है।