माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण ने जांच में यह खुलासा किया है मल्टीनेशनल कंपनी ने आमलोगों के 383 करोड़ रुपये पर डाका डाल दिया। इस कंपनी का नाम हिंदुस्तान यूनिलीवर है। हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) को 383 करोड़ रुपये की कर कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को नहीं देने का दोषी पाया गया है। राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण के समक्ष दर्ज शिकायत में कहा गया कि कई सारे उत्पादों पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं लेकिन हिंदुस्तान यूनिलीवर ने अपने उत्पादों के अधिकतम खुदरा मूल्य में कटौती नहीं की।
प्राधिकरण ने आदेश देते हुए कहा कि हिंदुस्तान यूनिलीवर ने 383.35 करोड़ रुपये की कर कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को नहीं दिया है। जीएसटी नियमों के अनुसार, कंपनी को 50 प्रतिशत राशि यानी 191.68 करोड़ रुपये केंद्रीय उपभोक्ता कोष में जमा करना होगा। शेष राशि कंपनी को उन राज्यों के उपभोक्ता कोष में जमा करानी होगी, जहां कंपनी ने उत्पादों की बिक्री की थी। प्राधिकरण ने कहा, ‘‘चूंकि कंपनी पहले ही केंद्रीय कोष में 160.23 करोड़ रुपये जमा करा चुकी है, अत: उसे केंद्रीय कोष में शेष 31.45 करोड़ रुपये और राज्यों के कोष में 191.68 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया जाता है।’’
बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राजस्व में वृद्धि के साथ माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों को और अधिक तर्क-संगत बनाने के संकेत दिये हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि आने वाले समय में राजस्व वसूली बढ़ने पर मौजूदा 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो मानक दरों को मिलाकर एक दर लागू की जा सकती है जो इनके बीच की होगी। जेटली ने सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक पर ‘जीएसटी के 18 महीने’ शीर्षक से लिखे ब्लॉग में जीएसटी रुपांतरण से पहले देश पर 31 प्रतिशत की ऊंची दर से अप्रत्यक्ष कर का भारी बोझ डाले रखने के लिए कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि इससे देश में कर-चोरी का बोलबाला था। उन्होंने जीएसटी का माखौल उड़ाने वालों को आत्मनिरीक्षण करने को कहा।
जेटली ने कहा कि आने वाले समय में भारत में सामान्य इस्तेमाल की वस्तुओं के लिये के लिए अंतत: एक मानक दर होगी जो वर्तमान 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो मानक दरों के बीच की होगी। इसके साथ आवश्यक वस्तुओं के लिये शून्य प्रतिशत और पांच प्रतिशत की मौजूदा दरें बनी रहेंगी। विलासिता के सामान और अहितकर वस्तुओं को उच्चतम कर के दायरे में बनाए रखा जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इस समय उपयोग की कुल 1,216 वस्तुओं में से 183 पर शून्य प्रतिशत, 308 पर पांच प्रतिशत, 178 उत्पादों पर 12 प्रतिशत और 517 पर 18 की दर से जीएसटी लगता है।
उन्होंने कहा, “28 प्रतिशत की दर अब धीरे धीरे खत्म हो रही है। अभी इसमें लग्जरी एवं अहितकारी उत्पादों, वाहनों के कलपुर्जे, वातानुकूलन और सीमेंट समेत केवल 28 वस्तुएं ही बची हैं।’’ वित्त मंत्री ने कहा, “जीएसटी बदलाव के पूरा होने के साथ ही हम इसकी दरों को तर्कसंगत बनाने के पहले चरण को पाने के करीब हैं। उदाहरण के लिये विलासिता और अहितकारी वस्तुओं को छोड़कर बाकी वस्तुएं चरणबद्ध तरीके से 28 प्रतिशत के उच्चतम कर के दायरे से बाहर की जा रही हैं। ” उन्होंने कहा कि इस समय 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो मानक दरें है जिन्हें भविष्य में एक किया जा सकता है।