जीएसटी काउंसिल की 25 वीं बैठक में जीएसटी के दायरे में आने वाली 83 चीजों और सर्विस पर लगने वाले टैक्स में बदलाव किया गया है। इसमें 29 गुड्स और 54 सर्विस शामिल हैं। जीएसटी की बदली हुई दरें 25 जनवरी 2018 से लागू हो जाएंगी। वहीं अभी डीजल और पेट्रोल को लेकर इस मीटिंग में कोई चर्चा नहीं हो पाई है। इसके अलावा जीएसटी रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया में सहूलियत के लिए 10 दिन बाद फिर मीटिंग की जाएगी। इतना ही नहीं, अगली बैठक में कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, विमान ईंधन एटीएफ और रीयल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार किया जा सकता है।
GST गुड्स में जानिए कितना हुआ बदलाव
28% से 18%: पब्लिक ट्रांस्पोर्ट की बायोफ्यूल से चलने वाली बसें। पुरानी SUV और पुरानी बड़ी और मीडियम कारों पर।
18% से 12%: पुराने लग्जरी यात्री वाहनों को छोड़कर सभी पुराने वाहनों पर जीएसटी 28 से घटकर 12 प्रतिशत होगा। इसके अलावा शुगर बॉयल्ड कन्फेक्शनरी, 20 लीटर की बोतल में पीने का पानी, खाद में इस्तेमाल होने वाला फॉस्फोरिक एसिड, बॉयोडीजल, बॉयो पेस्टीसाइड्स, बांस की सीढ़ी, डिप इरीगेशन सिस्टम, स्प्रिंकलर्स, मेकेनिकल स्प्रेयर्स।
18% से 5%: मेहंदी के कोन, निजी एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा घरों में आपूर्ति की जाने वाली एलपीजी, प्रक्षेपण वाहन, उपग्रह और पेयलोड के लिए आवश्यक वैज्ञानिक एवं तकनीकी उपकरण, असेसरीज, कलपुर्जे, स्पयेर टूल्स।
12% से 5%: स्ट्रॉ से बनी चीजों और वैल्वेट फेब्रिक पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है।
3% से 0.25%: हीरे और कीमती पत्थरों पर 3 फीसदी के बजाए 0.25 फीसदी जीएसटी लगेगा।
टैक्स फ्री: भभूत, हियरिंग एड यानी सुनने की मशीनों में इस्तेमाल होने वाले पुर्जे, एसेसरीज, डीऑइल्ड राइस ब्रान।
इन सर्विसेज के GST में हुआ बदलाव
ये सर्विस हुईं टैक्स फ्री: आरटीआइ के तहत सूचना मुहैया करने पर, सरकार या स्थानीय निकाय द्वारा दी जाने वाली सर्विसेज, भारत से बाहर विमान या समुद्र के रास्ते सामान भेजने पर, विद्यार्थियों, फैकल्टी और स्टॉफ को ले जाने के लिए माध्यमिक स्तर तक शैक्षिक संस्थानों को परिवहन सेवाएं।
18% से 5%: टेलरिंग सर्विस, चमड़े के सामान, फुटवियर का उत्पादन।
28% से 18%: थीम पार्क, वाटर पार्क, जॉय राइड पर अब 18% जीएसटी देना पडे़गा।
18% से 12%: मेट्रो रेल परियोजनाओं के कंस्ट्रक्शन, डीजल, पेट्रोल व एटीएफ जैसे पेट्रोलियम उत्पादों की ढुलाई पर इनपुट क्रेडिट के साथ, मिड-डे-मील के लिए बननेवाली बिल्डिंग पर।