पेट में गैस संबंधित दिक्कतों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा रेनिटिडाइन में कुछ खामियों के चलते ब्रिटिश कंपनी GlaxoSmithKline ने भारत के बाजारों से अपने प्रोडक्ट वापस मंगाए है। देश के दवा नियामक ने फार्मा कंपनियों से कैरोजेन के लिए अपने उत्पादों की जांच करने के लिए कहा है।

जीएसके के एक प्रवक्ता ने कहा, “एहतियाती कार्रवाई के रूप में, जीएसके ने सिकाका लेबोरेटरीज लिमिटेड से एपीआई एपीआई का उपयोग करके भारत में निर्मित 150 मिलीग्राम और 300 मिलीग्राम उत्पादों के ज़िनिटैक टैबलेट्स को रिकॉल (फार्मेसी / रिटेल स्तर रिकॉल) करने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि पिछले महीने यूएस एफडीए ने वैश्विक चेतावनी जारी करते हुए बताया था कि कुछ रेनिटिडाइन टैबलेट्स में एनडीएमए यानी एन-नाइटोसोडिमेथाइलमाइन पदार्थ मौजूद हैं जो कैंसर कारक होते हैं।

इस मामले के संज्ञान में आने के बाद ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने राज्यों के ड्रग नियामकों से कंपनियों द्वारा बनाए जा रहे रेनिटिडाइन टेबलेट की जांच करने को कहा है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि यह दवाईयां बिना डॉक्टर के परामर्श के ना ली जाएं। रेनिटिडाइन टैबलेट बनाने वाले भारत में एसिलॉक, पैनटेक, रेनटेक, जेनटेक जैसे कई मशहूर ब्रांड मौजूद हैं।

कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि GlaxoSmithKline यानी जीएसके से इंडियन ड्रग रेगुलरिटी अथॉरिटी ने संपर्क साधा है। सूचना के आधार पर बताया जा रहा है कि एहतियात के तौर पर जीएसके ने सभी रेनिटिडाइन हाइड्रोक्लोराइड प्रोटडक्ट की रिलीज, सप्लाई और डिस्ट्रिब्यूशन पर फिलहाल रोक लगा दी है।हालांकि यह स्पष्ट किया गया है कि एसएमएस लाइफसाइंसेस से एपीआई का उपयोग कर निर्मित उत्पाद को बाजार से वापस नहीं लिया जाएगा। हालांकि, ऐसे सभी उत्पादों पर नजर रहेगी और  जब तक उनकी टेस्टिंग नहीं हो जाती उन्हें बाजार में नहीं उतारा जाएगा।