ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म, ग्रोफर्स का प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) आने वाला है। इस आईपीओ के पहले कंपनी के मैनेजमेंट में उथलपुथल होने लगा है।

क्या है ताजा घटनाक्रम: ग्रोफर्स के को-फाउंडर सौरभ कुमार ने कंपनी छोड़ने का फैसला किया है, लेकिन कंपनी के सीईओ अलबिंदर ढींढसा के अनुसार, वह बोर्ड के सदस्य और शेयरधारक बने रहेंगे। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब सॉफ्टबैंक समर्थित कंपनी एक प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) लाने के बारे में विचार कर रही है। ढींडसा ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने सौरभ कुमार के साथ ग्रोफर्स के निर्माण में पिछले आठ साल बिताए।

अलबिंदर ढींडसा ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा, ‘‘ सौरभ कुमार अब ग्रोफ़र्स में दिन-प्रतिदिन की जिम्मेदारियों में शामिल नहीं होंगे, वह कंपनी में बोर्ड के सदस्य और शेयरधारक बने रहेंगे। यह ग्रोफ़र्स के लिए एक युग का अंत है, और मैं जानता हूं कि हम सभी को उनकी कमी खलेगी।’’ कुमार ने कंपनी छोड़ने के फैसले के बारे में अपने कर्मचारियों को लिखे एक ई-मेल को साझा किया।  उनके अगले गंतव्य के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।

इन कंपनियों से है टक्कर: आपको बता दें कि पिछले साल, ढींडसा ने कहा था कि कंपनी ने 2021 के अंत तक आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) लाने की अपनी योजना को पहले खिसका लिया है। इस क्षेत्र में ग्रोफर्स का मुकाबला अमेजन, फ्लिपकार्ट, अलीबाबा समर्थित बिगबास्केट और अरबपति मुकेश अंबानी के अपस्टार्ट जियोमार्ट जैसी कंपनियों से है। (ये पढ़ें-मुकेश अंबानी से ज्यादा है इन दो भाइयों की सैलरी, रिलायंस में मिली है बड़ी जिम्मेदारी)

रिटेल मार्केट 1300 अरब डॉलर होने का अनुमान: वर्ष 2025-26 तक भारत का 950 अरब डॉलर का रिटेल मार्केट बढ़कर 1300 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है। इसमें से ई-कॉमर्स व्यवसाय लगभग 78 अरब डॉलर का है और वर्ष 2025 तक इसके 100 अरब डॉलर का हो जाने का अनुमान है। रिपोर्टों से पता चलता है कि ग्रोफर्स की 10-12 करोड़ डॉलर का धन जुटाने के लिए बातचीत चल रही है।