महंगाई की मार से त्रस्त आम लोगों के लिए एक राहत भरी खबर है। त्योहारों से पहले खाद्य तेलों (Edible Oil) के आसमान छूते भाव कुछ कम हो सकते हैं। सरकार ने खाद्य तेलों पर शुल्क (Custom Duty) और उपकर (Agri Cess) में कटौती की है। इससे आम लोगों की रसोई के हालात सुधरने की उम्मीद है।

रसोई में होता है Refined Oil का इस्तेमाल

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने 13 अक्टूबर को एक नोटिफिकेशन में बताया कि पॉम ऑयल (Palm Oil), सोयाबीन तेल (Soyabean Oil) और सूरजमुखी तेल (Sunflower Oil) पर बेसिक सीमा शुल्क (Basic Custom Duty) को समाप्त कर दिया है। इसके अलावा कृषि उपकर में भी कटौती की गई है। पॉम ऑयल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल का इस्तेमाल आम लोगों की रसोई में रिफाइंड तेल (Refined Oil) के रूप में किया जाता है।

15-20 रुपये तक कम होंगे खाद्य तेलों के भाव

केंद्र सरकार ने इसके साथ ही सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि इस राहत का पूरा फायदा ग्राहकों को दिया जाए। निर्देश में कहा गया है, ‘‘राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करें कि शुल्क में की गई कमी का पूरा लाभ ग्राहकों को मिले, ताकि उन्हें खाद्य तेलों की ऊंची कीमतों से तत्काल राहत मिल सके।’’ इस उपाय से खाद्य तेलों के भाव में 15 से 20 रुपये तक की कमी आने का अनुमान है।

इन तेलों की क्रूड किस्मों पर कम हुई दरें

कच्चा पॉम ऑयल (Crude Palm Oil) पर अब 7.5 प्रतिशत कृषि उपकर लगेगा। वहीं कच्चा सोयाबीन तेल (Crude Soyabean Oil) और कच्चा सूरजमुखी तेल (Crude Sunflower Oil) पर कृषि उपकर की दर पांच-पांच प्रतिशत होगी। बेसिक सीमा शुल्क समाप्त किए जाने से प्रभावी कस्टम ड्यूटी में भी कमी आएगी। अब कच्चा पॉम ऑयल पर सीमा शुल्क की दर 8.25 प्रतिशत होगी। इसी तरह कच्चा सोयाबीन तेल और कच्चा सूरजमुखी तेल पर 5.5 प्रतिशत की दर से सीमा शुल्क लगेगा।

कुछ रिफाइंड तेलों पर भी कम किए गए शुल्क

इन तीनों खाद्य तेलों की रिफाइंड किस्मों पर लगने वाले सीमा शुल्क में भी कटौती की गई है। पहले रिफाइंड पॉम ऑयल (Refined Palm Oil), रिफाइंड सोयाबीन तेल (Refined Soyabean Oil) और रिफाइंड सूरजमुखी तेल (Refined Sunflower Oil) पर 32.5 प्रतिशत की दर से सीमा शुल्क लग रहा था। अब यह कम होकर 17.5 प्रतिशत रह जाएगा।

त्योहारी सीजन में आम लोगों को राहत की उम्मीद

सीबीआईसी ने कहा कि ये उपाय 14 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे और 31 मार्च 2022 तक अमल में रहेंगे। इससे घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता बढ़ सकती है। ऐसा होने से इनके भाव भी कम होंगे, जो इस त्योहारी सीजन में आम लोगों के लिए बड़ी राहत होगी।

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हाल ही में शुरू हुआ है Edible Oil Portal

इससे पहले सरकार ने खाद्य तेलों के भंडार पर नजर रखने के लिए एक विशेष पोर्टल (Edible Oil Portal) की शुरुआत की थी। सरकार की राय है कि इस पोर्टल से खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी। इससे बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने में भी सहूलियत होगी।

दिल्ली में 200 रुपये लीटर को पार कर चुका है सरसों तेल

अभी खुदरा बाजार में सरसों तेल का भाव 200 से 235 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुका है। इसी तरह रिफाइंड सूरजमुखी तेल 158 से 165 रुपये प्रति लीटर के भाव से बिक रहा है। रिफाइंड सोयाबीन तेल 162 से 170 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच चुका है। रिफाइंड पॉम आयल भी 150 से 160 रुपये प्रति लीटर पर है। कुछ महीने पहले इन सभी तेलों के भाव अभी के आधे से भी कम थे।