वित्त मंत्रालय ने आयकर रिटर्न (आइटीआर) दाखिल करने के लिए रविवार को तीन पन्ने का नया फॉर्म पेश किया। इसमें विदेश यात्रा व निष्क्रिय बैंक खातों की जानकारी देने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। मंत्रालय ने इसके साथ ही आयकर विवरण भरने की अंतिम तिथि भी बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है।
मंत्रालय ने कहा है कि करदाताओं को रिटर्न में अपने केवल पासपोर्ट नंबर और सक्रिय बैंक खातों की जानकारी देनी होगी। मुख्य आइटीआर फॉर्म तीन पन्नों से अधिक का नहीं होगा। जरूरत पड़ने पर अन्य जानकारी अनुसूचियों के तहत दी जा सकती है। यह आइटीआर फॉर्म 14 पन्नों के उस विवादास्पद फॉर्म की जगह लेगा जिसका काफी विरोध हुआ था। उद्योग संगठनों के अलावा सांसदों ने इस फॉर्म का विरोध करते हुए कहा था कि इसमें विदेश यात्रा व बैंक खातों सहित गैरजरूरी जानकारी मांगी गई है। विवाद के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उक्त फॉर्म पर अमल रोकने की घोषणा की थी।
मंत्रालय ने इस साल रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख एक महीने बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है क्योंकि नए फॉर्म के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। नए फॉर्म से ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने का काम जून के तीसरे सप्ताह से शुरू होने की संभावना है। नया आइटीआर-2 ए फॉर्म ऐसे व्यक्ति या अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ) के लिए है जिसको कोई पूंजीगत लाभ, कारोबार या पेशेवर आय नहीं होती है और जिसके पास कोई विदेशी आय या संपत्ति नहीं है।
मंत्रालय ने उन निष्क्रिय बैंक खातों का ब्योरा देने की अनिवार्यता भी खत्म कर दी है जिनमें बीते तीन साल से कोई लेन-देन नहीं हुआ है। यानी करदाता को आलोच्य वित्त वर्ष में अपने सक्रिय बचत बैंक खाते की संख्या व आइएफएस कोड देना होगा। इन खातों में राशि की जानकारी नहीं देनी होगी। इसके अलावा भारत में रह रहा कोई विदेशी जो भारत का नागरिक नहीं है और यहां व्यवसाय, रोजगार या छात्र वीजा पर आया है, उसे अपने पहले के उस साल की विदेशी परिसंपत्तियों का विवरण नहीं देना होगा जब वह भारत में नहीं आया था।
वेतनभोगी कर्मचारियों या जिनकी कोई पेशेवर कारोबारी आय नहीं है उन्हें आइटीआर-1 या आइटीआर-2 में रिटर्न हर साल 31 जुलाई तक भरना होता है। विदेश यात्राओं का ब्योरा देने संबंधी विवादास्पद प्रावधान के बारे में बयान में कहा गया है कि करदाता को केवल अपना पासपोर्ट नंबर देना होगा। इसके अनुसार विदेश यात्राओं के ब्योरे के बारे में, अब प्रस्ताव किया गया है कि फार्म आइटीआर-2 व आइटीआर-2 ए में केवल पासपोर्ट नंबर (अगर हो) देना होगा। विदेश यात्राओं व खर्च का ब्योरा देने की जरूरत नहीं होगी।
इसके साथ ही मंत्रालय ने उन निष्क्रिय बैंक खातों का ब्योरा देने की अनिवार्यता भी खत्म कर दी है जिनमें बीते तीन साल से कोई लेन-देन नहीं हुआ है। यानी करदाता को आलोच्य वित्त वर्ष में अपने सक्रिय बचत बैंक खाते की संख्या व आइएफएस कोड देना होगा। इन खातों में राशि की जानकारी नहीं देनी होगी। इस फार्म के पहले प्रारूप का विरोध होने के बाद मंत्रालय यह नया सरल रूप लेकर आया है।