रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि केंद्रीय बैंक बैंकों के मेगा मर्जर को लेकर मोदी सरकार से संपर्क में है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बैंकों का विलय प्रक्रिया के तहत होना चाहिए जिससे बैंकिंग कामकाज, ऋण वितरण और ऋण अदायगी जैसी प्रक्रियाएं बाधित न हो।

एक न्यूज चैनल के इवेंट में शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने कहा ‘यह एक अहम मसला है कि विलय की प्रक्रिया इस तरह से होनी चाहिए जिससे अन्य प्रक्रियाएं बाधित न हो। इसके लिए सरकार और आरबीआई के बीच चर्चा भी की गई है।’ बता दें कि सरकार ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के दस बड़े बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की है। जिसके बाद सरकारी बैंकों की संख्या 19 से कम होकर 12 रह जाएगी। बैंकों के विलय से किसी भी बैंक के खाताधारक पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

जीडीपी दर के आंकड़े बेहतर होंगे: दास ने धीमी अर्थव्यवस्था पर कहा कि भरोसा जताया कि सरकारी व्यय में तेजी आने से दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के आंकड़े बेहतर होंगे। सरकार ने दूसरी तिमाही में फिर से खर्च करना शुरू कर दिया है।

अर्थव्यवस्था फिलहाल मजबूत: आरबीआई गवर्नर ने इससे पहले गुरुवार को कहा था कि संरचनात्मक सुधार के जरिए आर्थिक मंदी की चुनौतियों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था फिलहाल मजबूत स्थिति में है। गवर्नर ने कहा कि व्यापार में गिरावट चिंता का विषय है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर पर फिलहाल मंदी की स्थिति नहीं है।