कोटक महिंद्रा बैंक के चीफ उदय कोटक ने नौकरी गंवाने वाले ऐसे लोगों को कैश मदद देने की मांग की है, जिनकी सैलरी 25,000 रुपये से कम थी। औद्योगिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के मुखिया उदय कोटक ने कहा कि सरकार को ऐसे लोगों को सीधे तौर पर दैश मदद करनी चाहिए, जिनकी आय 25,000 रुपये से कम थी और उन्हें कोरोना काल में नौकरी गंवानी पड़ी है। न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए उदय कोटक ने कहा, ‘ऐसे लोगों को केंद्र सरकार को कैश ट्रांसफर करना चाहिए, जिनकी सैलरी 25,000 रुपये से कम थी और वे खतरे में हैं। ऐसे लोगों को 50 से 75 फीसदी सैलरी सरकार की ओर से ट्रांसफर की जानी चाहिए।’

यही नहीं उन्होंने कहा कि कर्ज में भी लोगों को राहत दी जानी चाहिए और 6 महीने की मोराटोरियम की अवधि में लोन पर किसी भी तरह का ब्याज नहीं लिया जाना चाहिए। उदय कोटक ने कहा कि सरकार को भूमि और श्रम सुधारों पर फोकस करना चाहिए। इसके अलावा सरकार को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि चीन को छोड़ने वाले कारोबार भारत आ सकें।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संकट ने भारत में नए अवसर पैदा किए हैं तो नई चुनौतियां भी पैदा हुई हैं। केंद्र सरकार की ओर से पहले ही इस संकट से निपटने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज का ऐलान किया जा चुका है। इसके अलावा बीते दिनों में कॉरपोरेट टैक्स में भी कटौती की गई है।

उदय कोटक ने कहा कि चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर जारी है। यह सुनहरा मौका है, जब कई देशों की कंपनियां चीन छोड़ रही हैं। सरकार को उन्हें लुभाने के लिए प्रयास करने चाहिए। इसके लिए भूमि और श्रम सुधार की जरूरत है और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सभी तरह के टर्म लोन पर छह महीने के लिए किस्तों में अदायगी की छूट दी गई है। हालांकि ब्याज के तौर पर कोई राहत नहीं दी गई है। इस अवधि के दौरान भी कर्ज की राशि पर ब्याज जारी रहेगा, जिसे मोराटोरियम की अवधि समाप्त होने के बाद अदा करना होगा।