देशभर के ज्‍वेलर्स के विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार को कदम वापस खींचने पड़े हैं। सरकार ने बजट में 2 लाख रुपए से ज्‍यादा की गोल्‍ड ज्‍वेलरी की खरीद पर 1 प्रतिशत टैक्‍स कलेक्‍शन एट सोर्स (TCS) लगाने का फैसला किया था। अब इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है। यह फैसला 1 जून से प्रभावी होगा।

केन्‍द्र सरकार के इस फैसले से ज्‍वेलर्स को बड़ी राहत मिलने की उम्‍मीद हैं। जो फरवरी में वित्‍तमंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण में प्रस्‍तावित गैर-चांदी आभूषणों पर 1 प्रतिशत एक्‍साइज टैक्‍स के बाद से 45 दिन की हड़ताल पर रह थे। हड़ताल की वजह से शेयरों की लिवाली कम हो गई थी। सोने की आसमान छूती कीमतों और कम डिमांड की वजह से ज्‍वेलर्स इन शेयरों को क्लियर नहीं कर पा रहे थे।

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5 लाख या उससे ज्‍यादा के आभूषणों की खरीद पर 1 प्रतिशत TCS लगाने का फैसला 2012 में किया गया था। इस साल, वित्‍तमंत्री अरुण जेटली ने 5 लाख की सीमा को कम करके 2 लाख रुपए कर दिया था।

TCS को कर चोरी और काले धन के ट्रांजेक्‍शंस को रोकने के लिए लगाया गया था। इसे विक्रेता, खरीदार से खरीदारी के समय वसूलता है और सीधे सरकार को जमा करता है। जिससे TCS लिया जाता है, उससे इनकम टैक्‍स रिटर्न में उतने ही मूल्‍य का क्रेडिट मिलता है।

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भारत में इस समय, सोने के आयात पर 10 प्रतिशत इम्‍पोर्ट शुल्‍क लगता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा गोल्‍ड ज्‍वेलरी उपभोक्‍ता है। देश हर साल करीब 900 टन सोने का आयात करता है।