केंद्र सरकार ने पावर ग्रिड को पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन में हिस्सेदारी बेचने के REC के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। ऐसी चर्चा थी कि आरईसी ने सरकार से कंपनी में पीएफसी की हिस्सेदारी पावर ग्रिड को बेचने पर विचार करने के लिए कहा था। लेकिन अब एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार की ओर से इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसके बाद Power Grid के शेयरों में तेजी देखी गई है।
मंगलवार को पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Power Grid) के शेयर 3 प्रतिशत से अधिक चढ़ गए, जबकि पिछले सात दिनों से इसके शेयरों में गिरावट जारी थी। इकोनॉमिक टाइम्स की 26 सितंबर की एक रिपोर्ट में बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह का हवाला देते हुए कहा गया है कि “सरकार ने पावर फाइनेंसर आरईसी लिमिटेड के पावर ग्रिड कॉर्प ऑफ इंडिया (PGCIL) द्वारा अधिग्रहण के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है ।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रस्ताव की रिपोर्ट के बाद पिछले दो कारोबारी सत्रों में पावर ग्रिड का मार्केट कैप लगभग 33,000 करोड़ रुपये गिर गया था। वहीं विदेश ब्रोकरेज फर्म सिटी का मानना है कि सरकार के इस प्रस्ताव के खारिज करने से बड़ा उलटफेर होने की संभावना नहीं रही है। विदेशी ब्रोकरेज फर्म ने पावर ग्रिड के शेयरों का टारगेट 270 रुपये दिया है।
गौतलब है कि दोपहर 2 बजे पावर ग्रिड के शेयर में 1.89 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ कीमत 204.60 रुपये थी। यह तेजी लगातार 7 दिनों के गिरावट के बाद आई है। आईसीआईसीआई डायरेक्ट रिसर्च ने कहा कि सरकार के प्रस्ताव खारिज करने से पावर ग्रिड के लिए अच्छा हो सकता है, क्योंकि यह बिजली संचारित करने के व्यवसाय में है और इसे परियोजनाओं के फाइनेंसियल प्रोजेक्ट का कोई अनुभव नहीं है। इसके अलावा यह पावर ग्रिड के मुख्य व्यवसाय को भी प्रभावित करेगा।
जेफरीज ने एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि मीडिया रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि पावर मिनिस्ट्री REC में 144 बिलियन डॉलर कीमत की PFC की 52.63 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। रिसर्च में बताया गया है कि पावर ग्रिड के पास पर्याप्त कैश है और यह एक साल से ट्रांसमिशन पर ज्यादा खर्च भी कर रहा है। लेकिन ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि आगे इस डील से इस फर्म को नुकसान हो सकता है।