आने वाले दिनों में नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर यानी कि एनईएफटी की सुविधा का लाभ किसी भी वक्त लिया जा सकेगा। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस ऑनलाइन पेमेंट व्यवस्था को 24 घंटे सातों दिन करने की योजना बनाई है। आरबीआई इसके जरिए नरेंद्र मोदी सरकार के डिजिटल पेमेंट प्लान को और रफ्तार देने की कोशिश करेगा।
मौजूदा समय में एनईएफटी के जरिए फंड ट्रांसफर की सुविधा बैंकों के वर्किंग आर्स (कार्य के नियमित घंटों) तक निर्भर करती है। सभी कार्य दिवसों में यह सुविधा सुबह आठ बजे से शाम सात बजे तक उपलब्ध रहती है। हालांकि, महीने के दूसरे और आखिरी शनिवार को यह काम नहीं करती, क्योंकि बैंक भी उस दौरान बंद रहते हैं।
बुधवार को जारी आरबीआई के बयान में कहा गया, “जैसा कि पेमेंट सिस्टम विजन 2021 डॉक्यूमेंट में जिक्र किया गया है कि आरबीआई एनईएफटी को दिसंबर 2019 से 24 घंटे सात दिन रहने वाली सुविधा बना देगा। देश में केंद्रीय बैंक के इस कदम से रिटेल पेमेंट सिस्टम में नई क्रांति आएगी।”
बता दें कि मई में जारी हुए आरबीआई के पेमेंट सिस्टम विजन 2021 में कहा गया था कि एनईएफटी की सुविधा बैंक के निर्धारित समय से आगे बढ़ाकर 24 घंटे सात दिन करने की मांग की समीक्षा की जाएगी। एनईएफटी में और फीचर्स (तेज सेटलमेंट आदि) जोड़े जाने की जरूरत है, इस बात को भी रीव्यू किया जाएगा। इससे पहले, आरबीआई ने पिछले महीने एनईएफटी सरीखे पेमेंट्स को और सस्ता व सरल बनाते हुए इन पर लगने वाले शुल्क को हटा दिया था।
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RBI ने सालभर में चौथी बार की रेपो रेट में कटौती, GDP अनुमान भी घटायाः आरबीआई ने अर्थव्यवस्था की धीमी पड़ती चाल को रफ्तार देने के लिए बुधवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.35 प्रतिशत की बड़ी कटौती की। यह लगातार चौथा मौका है, जब रेपो दर में कमी की गई है। हालिया कटौती के बाद रेपो दर 5.40 प्रतिशत रह गई, जो नौ साल का न्यूनतम स्तर है।
केंद्रीय बैंक ने इसके साथ ही मांग और निवेश में नरमी से 2019-20 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के जून के अनुमान को भी 7.0 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया। नीतिगत दर में कटौती से आवास, वाहन कर्ज की मासिक किस्तें (ईएमआई) कम होने के साथ-साथ कंपनियों के लिये कर्ज सस्ता होने की उम्मीद है। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)