अडानी ग्रुप एक बड़ा निवेश करने की तैयारी कर रहा है। गौतम अडानी का समूह हरित ऊर्जा से लेकर डेटा केंद्रों, हवाई अड्डों और स्वास्थ्य सेवा तक के व्यवसायों में 150 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का निवेश करेगा। कंपनी यह निवेश 1 ट्रिलियन अमरीकी डालर के वैल्‍यूवेशन वाली कंपनी बनाने के लिए कर रहा है।

अडानी ग्रुप के सीएफओ जुगेशिंदर ‘रॉबी’ सिंह ने ग्रुप के पूरी प्‍लानिंग के बारे में जानकारी दी है। नई दिल्ली में वेंचुरा सिक्योरिटीज लिमिटेड द्वारा आयोजित एक निवेशक बैठक में बताया गया कि अडानी ग्रुप अभी डेटा सेंटर्स, हवाई अड्डों, पेट्रोकेमिकल्स, सीमेंट और मीडिया में निवेश कर रहा है। गौरतलब है कि 1988 में अडानी ग्रुप व्यापारी के रूप में शुरू हुआ था और अब बंदरगाहों, हवाई अड्डों, सड़कों, बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली पारेषण, गैस वितरण में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि अडानी ग्रुप की अगले 5-10 वर्षों में हरित हाइड्रोजन कारोबार में 50-70 अरब डॉलर और हरित ऊर्जा में 23 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना है। यह बिजली कारोबार में 7 बिलियन अमरीकी डालर, परिवहन क्षेत्र में 12 बिलियन अमरीकी डालर और ट्रांसपोर्ट में 5 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश करेगा।

इसके साथ ही कंपनी क्लाउड सर्विस के साथ डेटा सेंटर में 6.5 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश और हवाई अड्डों के लिए 9-10 बिलियन अमरीकी डालर के निवेश की योजना है। ACC और अंबुजा सीमेंट के साथ सीमेंट सेक्‍टर में 10 अरब अमरीकी डालर के निवेश की तैयारी कर रहा है।

कंपनी 2 बिलियन अमरीकी डालर के निवेश पर 1 मिलियन टन प्रति वर्ष पीवीसी निर्माण सुविधा स्थापित करने की योजना के साथ पेट्रोकेमिकल बिजनेस में एंट्री कर रहा है और 1 बिलियन अमरीकी डालर के निवेश पर 0.5 मिलियन टन प्रति वर्ष स्मेल्टर के साथ तांबा सेक्‍टर में निवेश करेगा। वहीं मेडिकल सर्विस सेक्‍टर में बीमा, अस्‍पताल और डायग्‍नोस्टिक एंड फार्मा में 7-10 अरब डालर का निवेश करेगा।

गौरतलब है कि 2015 में समूह का मार्केट कैप लगभग 16 अरब अमरीकी डालर था और यह 2022 में 260 बिलियन अमरीकी डालर हो चुका है। यानी यह सात वर्षों में 16x से अधिक की बढ़ चुका है। वहीं 150 बिलियन डॉलर निवेश के साथ कंपनी की योजना ग्रुप को 1 ट्रिलियन डॉलर के वैल्‍यूएशन पर पहुंचाना है।

बता दें कि केवल कुछ ही कंपनियां हैं, जिनकी वैल्‍यू ट्रिलियन डॉलर या उससे अधिक है। इनमें एपल, सऊदी अरामको, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल की पैरेंट अल्फाबेट और अमेजन शामिल हैं।