गौतम अडानी के नेतृत्व वाली अडानी इंटरप्राइजेज ने एयरपोर्ट सेक्टर के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल की है। इसने ने 50 साल के लिए 6 में से 5 एयरपोर्ट के ऑपरेशंस का ठेका हासिल किया है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी ग्रुप ने अहमदाबाद, जयुपर, मंगलौर, त्रिवेंद्रम और लखनऊ एयरपोर्ट के लिए सबसे ज्यादा बोली लगाई। सरकार ने 50 साल के लिए इन एयरपोर्ट को चलाने के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों को बोली लगाने के लिए आमंत्रित किया था।

अडानी ग्रुप द्वारा लगाई गई बोली से यह साफ दिखता है कि वे इसे एयरपोर्ट का ठेका लेने के लिए काफी उत्सुक थे। अहमदाबाद एयरपोर्ट के लिए जीएमआर ग्रुप ने प्रति यात्री 85 रुपये की बोली लगाई थी। वहीं, अडानी ग्रुप ने प्रति यात्री 177 रुपये की बोली लगाते हुए जीएमआर ग्रुप को काफी पीछे छोड़ दिया। वहीं, लखनऊ एयरपोर्ट के लिए एएमपी कैपिटल ने 139 रुपये की बोली लगाई थी, जिसके जवाब में अडानी ने 171 रुपये प्रति यात्री की बोली लगाई। बता दें कि यह बोली प्रति यात्री उच्चतम मासिक शुल्क पर आधारित थीं।

एयरपोर्ट ऑथरिटी ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “अडानी ग्रुप ने 5 एयरपोर्ट के लिए सबसे ज्यादा बोली लगाई। इस बोली में लिए सिर्फ वित्तिय योग्यता को ही एक मात्र पैमाना माना गया था। अब कागजी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद एयरपोर्ट के संचालन की जिम्मेदारी उन्हें दे दी जाएगी।” संभावना जताई जा रही है कि गुवाहाटी एयरपोर्ट के संचालन के लिए भी अडानी ग्रुप सबसे ज्यादा बोली लगाएगी।

माना जा रहा है कि अडानी ग्रुप के एयरपोर्ट सेक्टर में उतरने के बाद यहां चुनौतियों की नई शुरूआत होगी। पहले यहां सिर्फ दो कंपनी जीएमआर और जीवीके ग्रुप का दबदबा था। इन दोनों के दबदबे को समाप्त करने के लिए सरकार ने उन कंपनियों को भी प्रोजेक्ट (एयरपोर्ट संचालन) के लिए बोली लगाने को आमंत्रित किया, जिनके पास पहले से इस क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं था। बता दें कि पिछले चार साल वर्ष 2014 से 2018 के बीच अडानी ग्रुप ने चार नए बिजनेस सेगमेंट में कदम रखा है। इसमें विंड एनर्जी, सोलर मैन्यूफैक्चरिंग, पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन और एयरोस्पेस एंड डिफेंस शामिल है।